
Up Kiran, Digital Desk: आज विश्व मस्तिष्क दिवस है, और इस ख़ास मौके पर अपोलो अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बेहद महत्वपूर्ण संदेश दिया है: अपने दिमाग का ख्याल रखें, क्योंकि यह सिर्फ़ एक अंग नहीं, बल्कि आपकी पूरी ज़िंदगी का कंट्रोल सेंटर है। हम अक्सर अपने शरीर की फिटनेस पर ध्यान देते हैं, लेकिन अपने दिमाग के स्वास्थ्य को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जबकि यही हमें सोचने, महसूस करने, याद रखने और हर काम करने में मदद करता है।
दिमाग इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
दिमाग हमारे शरीर का सबसे जटिल और महत्वपूर्ण अंग है। यह हमारी सोच, भावनाओं, याददाश्त, हर क्रिया और प्रतिक्रिया को नियंत्रित करता है। अगर दिमाग स्वस्थ न हो, तो पूरी ज़िंदगी प्रभावित हो सकती है। दुर्भाग्य से, स्ट्रोक, डिमेंशिया (याद्दाश्त खोना), पार्किंसन रोग, मिर्गी और माइग्रेन जैसी कई न्यूरोलॉजिकल बीमारियां हैं, जिनसे लोग पीड़ित होते हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि इनमें से कई बीमारियों से बचा जा सकता है या इनके प्रभावों को कम किया जा सकता है, बशर्ते हम समय पर जागरूक हों और अपने दिमाग का ध्यान रखें।
अपोलो डॉक्टर्स की सलाह: कैसे रखें दिमाग को स्वस्थ?
अपोलो के न्यूरोलॉजी विशेषज्ञों ने कुछ आसान लेकिन बेहद प्रभावी तरीके बताए हैं, जिनसे आप अपने दिमाग को स्वस्थ और सक्रिय रख सकते हैं:
संतुलित आहार: ताजे फल, सब्ज़ियां, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा (जैसे नट्स, सीड्स) को अपने खाने में शामिल करें। जंक फ़ूड, प्रोसेस्ड फ़ूड और ज़्यादा चीनी से बचें। 'ब्रेन फ़ूड' जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड (मछली में) और एंटीऑक्सीडेंट्स को डाइट में जगह दें।
नियमित व्यायाम: शारीरिक रूप से सक्रिय रहना सिर्फ़ शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि दिमाग के लिए भी बहुत ज़रूरी है। व्यायाम करने से दिमाग में रक्त संचार बेहतर होता है और नई कोशिकाओं के बनने में मदद मिलती है।
पर्याप्त नींद: दिमाग को आराम और खुद को रिपेयर करने के लिए हर रात 7-8 घंटे की गहरी नींद ज़रूरी है। नींद की कमी से याद्दाश्त और एकाग्रता प्रभावित होती है।
तनाव प्रबंधन: अत्यधिक तनाव दिमाग पर नकारात्मक असर डालता है। योग, ध्यान, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़, या अपने पसंदीदा शौक में समय बिताकर तनाव को दूर रखें।
मानसिक सक्रियता: अपने दिमाग को हमेशा व्यस्त रखें। नई चीजें सीखें, पहेलियां सुलझाएं, किताबें पढ़ें, कोई नई भाषा सीखें या संगीत वाद्य यंत्र बजाएं।
सामाजिक जुड़ाव: दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताएं, सामाजिक गतिविधियों में भाग लें। सामाजिक रूप से सक्रिय रहने से डिमेंशिया का खतरा कम होता है।
नियमित जांच और लक्षणों को पहचानना: किसी भी असामान्य लक्षण जैसे लगातार सिरदर्द, याददाश्त में कमी, बोलने या चलने में दिक्कत को नज़रअंदाज़ न करें। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
अपोलो डॉक्टर्स का यह संदेश साफ है: अपने दिमाग की सेहत को कभी कम न आंकें। इसे प्राथमिकता दें, क्योंकि एक स्वस्थ दिमाग ही एक खुशहाल और प्रोडक्टिव ज़िंदगी की कुंजी है। तो, आज से ही अपने दिमाग का ख्याल रखना शुरू करें!
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