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Up Kiran,igital Desk: दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनी Apple, अपनी महत्वाकांक्षी "मेक इन इंडिया" पहल के तहत, iPhone 17 जैसे आगामी मॉडलों का उत्पादन भारत में करने की योजना बना रही है। यह कदम न केवल भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण हब के रूप में स्थापित करने में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा लगाए गए टैरिफ (आयात शुल्क) की धमकियों को दरकिनार करने की Apple की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा भी है।

क्यों भारत की ओर बढ़ रहा है Apple?

चीन पर अपनी निर्भरता को कम करने और आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) में विविधता लाने की वैश्विक रणनीति के तहत, Apple ने भारत को एक प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में तेजी से अपनाया है। इसके कई कारण हैं:

भू-राजनीतिक स्थिरता: चीन के साथ बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और व्यापार युद्ध की आशंकाओं के चलते, Apple जैसी कंपनियां वैकल्पिक उत्पादन स्थानों की तलाश कर रही हैं। भारत, अपनी मजबूत लोकतंत्र और स्थिर सरकार के साथ, एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभरा है।

अमेरिकी टैरिफ से बचाव: डोनाल्ड ट्रम्प की पिछली सरकार द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर लगाए गए टैरिफ के कारण, Apple जैसी कंपनियों को लागत में वृद्धि का सामना करना पड़ा। भारत में उत्पादन करके, Apple इन शुल्कों से बच सकती है और अपने उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य पर पेश कर सकती है।

'मेक इन इंडिया' पहल: भारत सरकार की "मेक इन इंडिया" और उत्पादन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) जैसी योजनाओं ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा दिया है, जिससे Apple और उसके सप्लायर्स को आकर्षित करने में मदद मिली है।

विशाल घरेलू बाज़ार: भारत दुनिया के सबसे बड़े और तेजी से बढ़ते उपभोक्ता बाज़ारों में से एक है। यहाँ उत्पादन करके, Apple न केवल निर्यात को सुगम बना सकती है, बल्कि घरेलू बाज़ार की बढ़ती मांग को भी बेहतर ढंग से पूरा कर सकती है।

सप्लायर्स का विस्तार: Foxconn, Wistron, और Pegatron जैसी Apple की प्रमुख असेंबलिंग पार्टनर्स पहले से ही भारत में अपनी विनिर्माण क्षमता का विस्तार कर रही हैं, जिससे यह प्रक्रिया और आसान हो गई है।

iPhone 17 और भविष्य की योजनाएं

हालांकि iPhone 17 अभी बाज़ार में नहीं आया है, लेकिन Apple की वर्तमान प्रवृत्ति को देखते हुए, यह उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य के मॉडल, जैसे कि iPhone 17 श्रृंखला, भारत में बड़े पैमाने पर निर्मित होंगे। Apple पहले से ही भारत में iPhone 13, 14, और 15 जैसे मॉडलों का उत्पादन कर रही है, और यह उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। भारत में निर्माण का दायरा सिर्फ असेंबली से आगे बढ़कर, अधिक जटिल घटकों के निर्माण तक फैलने की उम्मीद है।

भारत के लिए इसका क्या मतलब है?

रोज़गार सृजन: भारत में iPhone का बड़े पैमाने पर उत्पादन लाखों लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा करेगा, जिसमें कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिक शामिल होंगे।

आर्थिक विकास: यह कदम भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देगा, सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में योगदान देगा और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा।

तकनीकी हस्तांतरण: Apple और उसके सप्लायर्स के भारत में आने से उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकियों और विशेषज्ञता का हस्तांतरण होगा, जिससे स्थानीय उद्योग को भी लाभ मिलेगा।

निर्यात हब: भारत, iPhone निर्यात के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभर सकता है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ेगा।

चुनौतियां और अवसर

जहां यह कदम भारत के लिए एक बड़ा अवसर है, वहीं कुछ चुनौतियां भी हैं। इनमें उच्च-स्तरीय घटकों के स्थानीय सोर्सिंग को बढ़ाना, आपूर्ति श्रृंखला को और मजबूत करना, और गुणवत्ता मानकों को बनाए रखना शामिल है। हालांकि, Apple की प्रतिबद्धता और भारत सरकार के समर्थन से इन बाधाओं को दूर करने की उम्मीद है।

यह स्पष्ट है कि Apple भारत को अपने वैश्विक विनिर्माण रणनीति का एक अभिन्न अंग बना रहा है, और iPhone 17 जैसी भविष्य की उत्पाद श्रृंखलाओं का भारत में निर्मित होना इस बदलाव का एक महत्वपूर्ण संकेत है।

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