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Up Kiran, Digital Desk: भारत और इंग्लैंड के बीच ऐतिहासिक लॉर्ड्स टेस्ट इस वक्त दिलचस्प मोड़ पर है। चौथे दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम ने 193 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 4 विकेट पर 58 रन बना लिए हैं। हालांकि मैदान पर खिलाड़ी जितनी मेहनत कर रहे हैं, उतनी ही चर्चाएं अंपायरों के विवादित फैसलों को लेकर भी हो रही हैं।
इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई अंपायर पॉल राइफल के कुछ फैसले क्रिकेट प्रेमियों को बिल्कुल हजम नहीं हुए। तीसरे दिन मोहम्मद सिराज की गेंद पर जो रूट के खिलाफ की गई LBW अपील को ठुकराया जाना सबको चौंका गया। रिव्यू में साफ दिखा कि गेंद स्टंप को हल्का छू रही थी, फिर भी अंपायर का निर्णय बरकरार रहा। ऐसे में DRS सिस्टम पर भी सवाल खड़े हो गए हैं कि टेक्नॉलॉजी होते हुए भी फैसला पलटा क्यों नहीं गया?
क्रिकेट फैंस का गुस्सा यहीं नहीं थमा। चौथे दिन भी मैदान पर कुछ ऐसे फैसले हुए जिन्होंने दर्शकों को नाराज कर दिया। शुभमन गिल का उदाहरण लें — दिन के आखिरी ओवरों में ब्रायडन कार्स की गेंद उनके बल्ले से काफी दूर थी, बावजूद इसके पॉल राइफल ने उंगली उठा दी। गिल ने तुरंत रिव्यू लेकर खुद को बचा लिया, लेकिन सवाल यही उठा कि इतनी जल्दी बिना ठोस यकीन के कैसे आउट दे दिया गया?
सोशल मीडिया पर क्रिकेट प्रेमियों ने अंपायरों की निष्पक्षता और फैसलों की गुणवत्ता पर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। कई लोगों का मानना है कि इतने बड़े मुकाबले में अगर फैसले पक्षपातपूर्ण लगने लगें तो खिलाड़ियों की मेहनत पर पानी फिर जाता है।
सिर्फ खिलाड़ी ही नहीं, क्रिकेट एक्सपर्ट्स भी कह रहे हैं कि ऐसे विवादों से टेस्ट क्रिकेट का मजा बिगड़ जाता है। क्रिकेट में टेक्नोलॉजी आने से उम्मीद थी कि गलत फैसले कम होंगे, लेकिन यहां तो उल्टा हो रहा है।
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