
रिटायरमेंट के बाद सबसे बड़ी चुनौती होती है — नियमित आय का बंद हो जाना। सैलरी आना रुक जाता है, लेकिन घर के खर्चे और जरूरतें पहले जैसे ही बनी रहती हैं। खासकर उन लोगों के लिए यह और मुश्किल हो जाता है जो प्राइवेट नौकरी करते हैं या स्वरोजगार से जुड़े होते हैं और जिन्हें पेंशन का कोई सहारा नहीं होता।
अगर आप भी रिटायरमेंट के बाद आर्थिक चिंता से बचना चाहते हैं, तो आपके लिए एक शानदार विकल्प है — LIC का न्यू जीवन शांति पेंशन प्लान। इस प्लान में एक बार निवेश करने के बाद आपको जीवनभर फिक्स्ड इनकम मिलती रहेगी।
क्या है LIC न्यू जीवन शांति पेंशन प्लान?
न्यू जीवन शांति प्लान एक सिंगल प्रीमियम पेंशन स्कीम है, यानी इसमें आपको केवल एक बार पैसा जमा करना होता है। इसके बाद:
रिटायरमेंट के बाद (60 साल की उम्र के बाद) आपको हर महीने तय राशि पेंशन के तौर पर मिलती रहेगी।
आप चाहे तो पेंशन का भुगतान मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक आधार पर भी ले सकते हैं।
एक सही समय पर सही रकम का निवेश करके आप सालाना ₹1 लाख तक की स्थिर पेंशन का इंतजाम कर सकते हैं।
निवेश की शर्तें और जरूरी बातें
न्यूनतम निवेश: ₹1.5 लाख
अधिकतम निवेश: कोई सीमा नहीं
निवेश की आयु सीमा: 30 से 79 वर्ष के बीच
पॉलिसी अगर पसंद न आए तो आप इसे कभी भी सरेंडर कर सकते हैं।
पॉलिसी सरेंडर करने पर दूसरी योजनाओं के मुकाबले बेहतर सरेंडर वैल्यू मिलती है।
पॉलिसी पर लोन सुविधा भी उपलब्ध है।
कैसे काम करता है यह पेंशन प्लान?
मान लीजिए:
आपकी उम्र 55 वर्ष है और आपने इस प्लान में ₹11 लाख का निवेश किया।
तो पांच साल बाद यानी 60 साल की उम्र से आपको हर साल ₹1,02,850 की पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी।
इस पेंशन का भुगतान आप अपनी सुविधा के अनुसार महीने, तीन महीने, छह महीने या सालाना आधार पर ले सकते हैं।
नॉमिनी बेनिफिट्स भी मिलते हैं
इस प्लान की एक और खास बात यह है कि:
अगर पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है, तो उनके नॉमिनी को पूरी निवेश की गई रकम ब्याज सहित वापस मिल जाती है।
यानी परिवार की सुरक्षा भी सुनिश्चित रहती है।
क्यों चुने LIC न्यू जीवन शांति प्लान?फिक्स्ड इनकम का भरोसा जीवनभर।एकमुश्त निवेश, कोई बार-बार भुगतान की झंझट नहीं।सरेंडर वैल्यू और लोन सुविधा जैसी अतिरिक्त सुविधाएं।नॉमिनी को सुरक्षित भविष्य का आश्वासन।
कौन ले सकता है इस प्लान का फायदा?
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी।
स्वरोजगार करने वाले व्यक्ति।
वे लोग जिनके पास रिटायरमेंट के बाद कोई निश्चित आय स्रोत नहीं है।
वे परिवार जो अपने रिटायरमेंट प्लानिंग को मजबूत बनाना चाहते हैं।
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