
Up Kiran, Digital Desk: नवरात्रि का त्योहार मां दुर्गा की उपासना के साथ-साथ कई अन्य महत्वपूर्ण परंपराओं के लिए भी जाना जाता है। इन्हीं में से एक खास दिन है 'आयुध पूजा' का, जिसे 'शस्त्र पूजा' के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन उन सभी औजारों, उपकरणों और मशीनों के प्रति सम्मान जताने का है जो हमारे जीवन को आसान बनाते हैं और हमारी आजीविका का साधन हैं।
कब है आयुध पूजा 2025? (Ayudha Puja 2025 Date)
इस साल, आयुध पूजा का त्योहार 20 अक्टूबर, 2025, सोमवार को मनाया जाएगा। यह पूजा नवरात्रि के नौवें दिन, यानी महानवमी के दिन की जाती है। इसी दिन सरस्वती पूजा भी होती है। इसके अगले दिन यानी 21 अक्टूबर को विजयादशमी (दशहरा) का पर्व मनाया जाएगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त (Puja Muhurat)
पूजा का सबसे शुभ समय: 20 अक्टूबर को दोपहर 2:03 बजे से दोपहर 2:49 बजे तक।
कुल अवधि: केवल 46 मिनट।
क्या है आयुध पूजा का महत्व? (Significance of Ayudha Puja)
आयुध पूजा का दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यही वह दिन था जब देवी चामुंडेश्वरी (मां दुर्गा का एक रूप) ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। युद्ध में जाने से पहले, देवी ने अपने सभी शस्त्रों की पूजा की थी। इसी परंपरा को निभाते हुए आज भी लोग अपने जीवन में काम आने वाले औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं।
इस दिन लोग अपनी गाड़ियों, कंप्यूटर, मशीनरी, रसोई के चाकू से लेकर कलम तक, हर उस चीज की सफाई और पूजा करते हैं जो उनके काम आती है। यह एक तरह से उन निर्जीव वस्तुओं के प्रति धन्यवाद प्रकट करने का दिन है, जो हमारी सफलता और समृद्धि में सहायक होती हैं।
कैसे करें पूजा?सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पूजा की तैयारी करें।
जिन भी औजारों, मशीनों या वाहनों की पूजा करनी है, उन्हें अच्छी तरह साफ करें।
उन पर हल्दी, कुमकुम और चंदन का लेप लगाएं।
फूल-माला चढ़ाएं और धूप-दीप जलाकर उनकी आरती करें।
इस दिन देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है, इसलिए किताबों और संगीत वाद्ययंत्रों को भी पूजा में ज़रूर शामिल करें।
यह दिन हमें सिखाता है कि हमें उन सभी चीजों का सम्मान करना चाहिए जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में मदद करती हैं।