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Up Kiran, Digital Desk: इस साल आयुध पूजा 1 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व नवरात्रि के दौरान पड़ता है और दक्षिण भारत में खास तौर पर मनाया जाता है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 2:09 बजे से 2:57 बजे तक रहेगा, जो लगभग 48 मिनट का होगा।
आयुध पूजा का इतिहास प्राचीन समय से जुड़ा है। पहले यह त्योहार शस्त्रों की पूजा के लिए मनाया जाता था। योद्धा अपनी लड़ाई में विजय पाने के लिए देवी का धन्यवाद करते थे। धीरे-धीरे इसका स्वरूप बदल गया। अब लोग औजारों, किताबों और वाहनों की पूजा करते हैं। इसे उत्तर भारत के विश्वकर्मा पूजा से तुलना की जा सकती है।
दक्षिण भारत के राज्यों जैसे कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल में यह त्योहार बड़ी श्रद्धा से मनाया जाता है। आयुध पूजा के दौरान लोग अपनी गाड़ियों कार, बाइक, स्कूटर को फूलों, हल्दी, कुमकुम, केले के पत्तों और आम के पत्तों से सजाते हैं। एक विशेष परंपरा में वाहन के सामने सफेद कद्दू तोड़ा जाता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और वाहन की सुरक्षा होती है।
कई परिवार इस दिन सरस्वती पूजा भी करते हैं। बच्चे अपनी किताबें देवी के चरणों में रखते हैं, और कारीगर अपने औजारों की पूजा करते हैं। यह दिन ज्ञान, बुद्धि और सफलता के लिए प्रार्थना करने का भी अवसर है।
आयुध पूजा न केवल पूजा का दिन है बल्कि यह उन चीज़ों का सम्मान करने का मौका भी है जो हमारे दैनिक जीवन को आसान बनाती हैं। चाहे आपकी बाइक हो, या आपकी किताबें, इस दिन उन्हें सजाना और आशीर्वाद मांगना शुभ माना जाता है।
आयुध पूजा की तिथि 1 अक्टूबर है, जबकि नवमी तिथि 30 सितंबर शाम 6:06 बजे शुरू होकर 1 अक्टूबर शाम 7:01 बजे खत्म होगी। इसके बाद 2 अक्टूबर को मैसूर दशहरा मनाया जाएगा।