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Up Kiran, Digital Desk:  दिल्ली में हुए धमाके की जांच अभी चल ही रही है कि इस पर सियासत भी तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान ने जांच एजेंसियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को झूठे मामलों में फंसाना बंद होना चाहिए. इस बयान के सामने आते ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सपा पर तीखा हमला बोला है और उस पर "तुष्टिकरण की राजनीति" करने का आरोप लगाया है.

यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान ने एक बयान में कहा, हम चाहते हैं कि दिल्ली धमाके के असली गुनहगारों को पकड़ा जाए और उन्हें सख्त से सख्त सजा मिले. लेकिन अक्सर देखा गया है कि ऐसी घटनाओं के बाद जांच के नाम पर निर्दोष मुस्लिम युवकों को उठाया जाता है और उनका भविष्य बर्बाद कर दिया जाता है. हम इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.

बीजेपी का पलटवार यह वोट बैंक की राजनीति है

आजम खान का यह बयान बीजेपी को नागवार गुजरा. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने पलटवार करते हुए कहा, "यह बेहद शर्मनाक है कि जब पूरा देश पीड़ितों के साथ खड़ा है, तब समाजवादी पार्टी आतंकवादियों के बचाव में उतर आई है. यह उनकी पुरानी आदत है. वे हमेशा वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं."

बीजेपी ने कहा कि "आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता" और सपा को यह बताना चाहिए कि उन्हें गुनहगारों से ज्यादा निर्दोषों की चिंता क्यों सता रही है. उन्होंने सपा पर हमेशा आतंकियों के प्रति नरम रुख अपनाने का आरोप लगाया.

बयानबाजी से गरमाई सियासत

एक तरफ जहां देश की सुरक्षा एजेंसियां धमाके की कड़ियां जोड़ने में दिन-रात लगी हुई हैं, वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे पर शुरू हुई बयानबाजी ने उत्तर प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. समाजवादी पार्टी का कहना है कि वे जांच के खिलाफ नहीं, बल्कि जांच की आड़ में होने वाले अन्याय के खिलाफ हैं. वहीं, बीजेपी इसे सीधे-सीधे आतंकवाद को राजनीतिक रंग देने की कोशिश बता रही है.

इस सियासी घमासान ने दिल्ली धमाके की जांच को एक नया मोड़ दे दिया है, जहां अब कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.