Up Kiran, Digital Desk: 15 साल बाद विराट कोहली फिर से घरेलू वनडे क्रिकेट में नजर आएंगे। जी हां, विजय हजारे ट्रॉफी में दिल्ली की जर्सी पहने किंग कोहली मैदान पर उतरने वाले हैं। ये खबर आते ही फैंस खुशी से झूम उठे, लेकिन सवाल ये है कि अचानक मन कैसे बदला?
दरअसल, कुछ दिन पहले तक विराट घरेलू क्रिकेट खेलने के मूड में नहीं थे। बीसीसीआई बार-बार कह रहा था कि सीनियर खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट खेलें, ताकि फॉर्म बना रहे और नेशनल टीम में जगह पक्की रहे। रोहित शर्मा तो पहले ही हामी भर चुके थे, लेकिन कोहली चुप थे। फिर अचानक डीडीसीए को मैसेज आया – “मैं खेलूंगा!”
तो हुआ क्या था?
सबकी नजर गई उस रांची वाले बयान पर। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे में विराट ने 135 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेली थी। मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने जो कहा, वो बीसीसीआई को चुभ गया। विराट बोले थे – “मैं कभी ओवर प्रिपेयर करने वालों में से नहीं रहा। मेरा क्रिकेट 90 प्रतिशत दिमाग का है। 300 वनडे खेल चुका हूं, 16 साल से लगातार खेल रहा हूं। अगर नेट्स में दो घंटे बिना रुके खेल सकता हूं तो समझो सब फिट है।”
बस यही बात बोर्ड को बुरी लगी। बोर्ड का मानना था कि सीनियर खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलकर युवाओं को रास्ता दिखाएं और खुद भी रिदम में रहें। विराट का ये बयान ऐसा लगा जैसे वो घरेलू क्रिकेट को जरूरी नहीं समझ रहे।
फिर क्या, ऊपर से दबाव आया और कोहली को मनाना पड़ा। अब दिल्ली क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारी बता रहे हैं कि विराट ने पूरी तरह हामी भर दी है। वो दिल्ली के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में होने वाले मैच खेलेंगे। दिल्ली का पहला मुकाबला 24 दिसंबर को आंध्र प्रदेश से है।
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