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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने 21 अप्रैल को 2024-25 सत्र के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट की घोषणा कर दी है। इस बार कुल 34 खिलाड़ियों को सूची में जगह मिली है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा दो खिलाड़ियों की हो रही है—श्रेयस अय्यर और ईशान किशन। बीते साल इन दोनों को केंद्रीय अनुबंध से बाहर कर दिया गया था, लेकिन अब फिर से इन्हें कॉन्ट्रैक्ट में शामिल कर लिया गया है। श्रेयस अय्यर को ग्रेड बी में रखा गया है, जबकि ईशान किशन को ग्रेड सी में जगह दी गई है।

पिछले साल बाहर हुए थे कॉन्ट्रैक्ट से

बीसीसीआई ने पिछले साल श्रेयस और ईशान को अनुशासनात्मक आधार पर कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया था। बोर्ड का कहना था कि इन खिलाड़ियों ने घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता नहीं दी, जो एक आवश्यक शर्त मानी जाती है। इस फैसले के बाद दोनों ने घरेलू क्रिकेट में वापसी की और अच्छे प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा।

चैंपियंस ट्रॉफी में अय्यर की दमदार वापसी

श्रेयस अय्यर की वापसी का सबसे बड़ा कारण उनका चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन रहा। उन्होंने इस टूर्नामेंट में 243 रन बनाए और भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे। फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने 48 गेंदों पर 62 रन की तेज़तर्रार पारी खेली, जिससे भारत की जीत में निर्णायक योगदान दिया।

फिलहाल अय्यर आईपीएल 2025 में पंजाब किंग्स की कप्तानी कर रहे हैं और उन्होंने सीजन में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। यह भी उनकी चयन में महत्वपूर्ण कारक रहा।

ईशान किशन ने आईपीएल में लगाया शतक

दूसरी ओर ईशान किशन अभी तक भारत की नेशनल टीम में वापसी नहीं कर पाए हैं, लेकिन उन्होंने घरेलू क्रिकेट में खुद को साबित किया है। वर्तमान में वे आईपीएल 2025 में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल रहे हैं। इस सीजन के पहले ही मैच में उन्होंने नाबाद 106 रन की धमाकेदार पारी खेली थी। हालांकि, इसके बाद उनका प्रदर्शन स्थिर नहीं रहा।

अब जब उनका नाम फिर से सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में आ गया है, तो यह उम्मीद की जा रही है कि वह जल्द ही भारत की टी-20 टीम में वापसी कर सकते हैं।

क्या कहता है यह चयन?

BCCI का यह फैसला बताता है कि बोर्ड खिलाड़ियों की निरंतरता और अनुशासन को प्राथमिकता देता है, लेकिन साथ ही मौके भी देता है अगर खिलाड़ी खुद को सुधार कर लौटते हैं। श्रेयस अय्यर और ईशान किशन की वापसी इस बात का प्रमाण है कि अच्छा प्रदर्शन और समर्पण हमेशा नजरअंदाज नहीं किया जाता।

आगे की राह

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये दोनों खिलाड़ी इस वापसी को लंबे समय तक कायम रख पाते हैं और भारत की राष्ट्रीय टीम में एक स्थायी स्थान बना पाते हैं। श्रेयस जहां फिलहाल वनडे और टेस्ट फॉर्मेट में अहम भूमिका निभा सकते हैं, वहीं किशन का लक्ष्य होगा टी-20 में एक बार फिर खुद को साबित करना।