
Up Kiran, Digital Desk: भारत के लघु और मध्यम उद्यम (Small and Medium Enterprise - SME) क्षेत्र में अधिक स्मार्ट और कुशल विनिर्माण (Efficient Manufacturing) को सक्षम बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, बिट्स पिलानी, हैदराबाद कैंपस (BITS Pilani, Hyderabad Campus) की एक टीम ने अपनी शोध-संचालित स्टार्टअप 'यंत्रायुश' (Yantraayush) के तहत दो अभिनव मशीन स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली (Innovative Machine Health Monitoring Systems) - मैक-सेवक (Mach-Sevak) और मैक-निरीक्षक (Mach-Nirikshak) - विकसित की हैं. यह आविष्कार मेक इन इंडिया (Make in India) और आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) जैसी राष्ट्रीय पहलों के अनुरूप है.
प्रो. सबरिश जी आर (Prof. Sabareesh G R) और प्रो. राधिका एस (Prof. Radhika S), क्रमशः यांत्रिक और विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभागों के फैकल्टी सदस्यों द्वारा सह-स्थापित, स्टार्टअप को डॉ. इंतूरी वाम्सी (Dr. Inturi Vamsi), डॉ. हेमंत मिथुन प्रवीण (Dr. Hemanth Mithun Praveen), श्री पी. अनबुमानी (Mr. P. Anbumani), श्री आकाशज्योति बर्मन (Mr. Akashjyoti Barman), और श्री हिमांशु शुक्ला (Mr. Himanshu Shukla) सहित एक मुख्य टीम द्वारा संचालित किया जाता है. यंत्रायुश बिट्स पिलानी हैदराबाद कैंपस में इन्क्यूबेटेड है और टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेटर (Technology Business Incubator - TBI) और बायोसीटीएच फाउंडेशन (BioCyTIH Foundation) द्वारा समर्थित है. यह स्टार्टअप भारत के तकनीकी नवाचार (Technological Innovation) और स्टार्टअप इकोसिस्टम (Startup Ecosystem) में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है.
छोटे उद्योगों की 'जान' बच गई: मशीनों की खराब सेहत से मुक्ति!
जैसा कि आधुनिक उद्योग में स्वचालन (Automation) महत्वपूर्ण हो गया है, कई एमएसएमई (MSMEs) उन्नत नैदानिक उपकरणों (Advanced Diagnostic Tools) तक पहुंच की कमी के कारण चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. वे अक्सर मैन्युअल जांच और प्रतिक्रियाशील रखरखाव (Reactive Maintenance) पर निर्भर करते हैं, जिससे अनियोजित डाउनटाइम (Unplanned Downtime) और महंगे मरम्मत (Expensive Repairs) होते हैं. यंत्रायुश का उद्देश्य लागत प्रभावी (Cost-effective), स्केलेबल (Scalable), और उपयोग में आसान समाधान (Easy-to-use Solutions) प्रदान करके इस अंतर को भरना है जो वास्तविक समय में औद्योगिक मशीनों के स्वास्थ्य और प्रदर्शन की निगरानी (Monitor the Health and Performance of Industrial Machines in Real Time) करने में मदद करते हैं. यह औद्योगिक IoT (Industrial IoT) और निवारक रखरखाव (Predictive Maintenance) के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण प्रगति है.
मैक-सेवक और मैक-निरीक्षक: आपके उद्योगों के 'नए संरक्षक'!
इस पहल का परिणाम एक दोहरी उत्पाद श्रृंखला (Dual-product Suite) है जिसे विभिन्न पैमानों पर उद्योगों की सेवा के लिए डिज़ाइन किया गया है:
मैक-सेवक (Mach-Sevak): छोटे यूनिटों के लिए विशेष रूप से तैयार
यह एक ही प्रकार की मशीनों (Machines of the Same Type) की वास्तविक समय की निगरानी (Real-time Monitoring) प्रदान करता है.
यह शुरुआती दोषों (Faults Early) का पता लगाता है और एक प्लग-एंड-प्ले मॉडल (Plug-and-play Model) पर काम करता है — जिसमें विशेष जनशक्ति (Specialized Manpower) या जटिल इंस्टॉलेशन (Complex Installations) की आवश्यकता नहीं होती है.
यह किफायती समाधान (Affordable Solution) छोटे व्यवसायों के लिए मशीन रखरखाव को आसान और सुलभ बनाता है.
मैक-निरीक्षक (Mach-Nirikshak): बड़े उद्योगों के लिए अधिक उन्नत प्रणाली
यह विभिन्न प्रकार के उपकरणों (Variety of Equipment) जैसे पंप (Pumps), मोटर्स (Motors), और गियरबॉक्स (Gearboxes) वाले उद्योगों के लिए बनाया गया है.
यह विभिन्न मशीनों की एक साथ निगरानी (Simultaneous Monitoring) को सक्षम बनाता है, उन्नत डेटा प्रोसेसिंग (Advanced Data Processing) का समर्थन करता है, और भविष्य में एआई-आधारित टूल (AI-based Tools) के साथ एकीकृत (Integrate) होने के लिए डिज़ाइन किया गया है.
इसका मॉड्यूलर डिज़ाइन (Modular Design) व्यवसायों को अपने संचालन बढ़ने के साथ सिस्टम का विस्तार (Expand) और अनुकूलित (Customize) करने की अनुमति देता है.
100% भारतीय इनोवेशन (Indigenous Innovation): विदेशियों की छुट्टी, अब 'मेड इन इंडिया' का बोलबाला!
दोनों प्रणालियों को पूरी तरह से बिट्स पिलानी हैदराबाद (BITS Pilani Hyderabad) में डिज़ाइन और विकसित किया गया था, जिसमें फैकल्टी (Faculty), शोधकर्ताओं (Researchers), और छात्र टीमों (Student Teams) के साथ व्यापक सहयोग था. प्रोटोटाइप का सफलतापूर्वक परिसर सेटअपों (Campus Setups) में परीक्षण किया गया है जो वास्तविक दुनिया के औद्योगिक वातावरण (Real-world Industrial Environments) का अनुकरण करते हैं. ये प्रणालियां सेंसर डेटा (Sensor Data) का उपयोग करके मशीन के व्यवहार (Machine Behavior) को कैप्चर और व्याख्या (Interpret) करती हैं, अनियमितताओं (Irregularities) का पता लगाने और समग्र मशीन स्वास्थ्य (Overall Machine Health) का आकलन करने में मदद करती हैं.
यंत्रायुश को अलग करने वाली बात स्वदेशी नवाचार (Indigenous Innovation) के प्रति उसकी प्रतिबद्धता है. मेक इन इंडिया (Make in India) और आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) जैसी राष्ट्रीय पहलों के अनुरूप, ये प्रणालियां स्थानीय रूप से प्राप्त घटकों (Locally Sourced Components) और इन-हाउस अनुसंधान (In-house Research) का उपयोग करके बनाई गई हैं, जो आयातित समाधानों (Imported Solutions) का एक विश्वसनीय और किफायती विकल्प (Reliable and Affordable Alternative) प्रदान करती हैं.
भविष्य की योजनाएं: उद्योगों का 'गेम-चेंजर', अब भारत बनेगा 'उत्पादन हब'!
जैसे-जैसे भारत का एमएसएमई (MSME) क्षेत्र विकसित हो रहा है, मैक-सेवक और मैक-निरीक्षक (Mach-Sevak and Mach-Nirikshak) जैसे उपकरण डाउनटाइम (Downtime) को कम करने, विश्वसनीयता (Reliability) में सुधार करने और उत्पादकता (Productivity) को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. टीम भविष्य कहनेवाला रखरखाव (Predictive Maintenance), क्लाउड कनेक्टिविटी (Cloud Connectivity), और स्वचालित अलर्ट (Automated Alerts) जैसी सुविधाओं के साथ प्लेटफॉर्म को और बेहतर बनाने की योजना बना रही है — जिससे न्यूनतम निवेश (Minimal Investment) के साथ स्मार्ट निर्णय (Smarter Decisions) लेना संभव होगा.
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