Up Kiran, Digital News: रविवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट ने एक प्रेस वार्ता के दौरान कुछ ऐसे मुद्दों पर बयान दिया जो न केवल देश की सुरक्षा नीति को लेकर बल्कि समाज की सामाजिक और आर्थिक धारा को भी प्रभावित करने वाले हैं। उन्होंने देश के सामने आतंकवाद के विरुद्ध सरकार की कड़ी नीति को स्पष्ट किया और जातिगत गणना के फैसले को ऐतिहासिक बताया।
पाकिस्तान के लिए स्पष्ट संदेश
महेंद्र भट्ट ने अपनी बात की शुरुआत में सबसे पहले पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि "देश का उद्देश्य दहशतगर्दों को मिट्टी में मिलाना था तो मिला दिया"। उनके इस बयान का सीधा मतलब था कि मोदी सरकार ने दहशतगर्दों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है और टॉप आतंकवादी कमांडरों को निशाना बनाते हुए दहशतगर्दों के नेटवर्क को कमजोर किया है।
"यदि भविष्य में फिर कभी आतंकवादी घटना होती है तो उसे युद्ध के रूप में देखा जाएगा" भट्ट का यह बयान पाकिस्तान के लिए स्पष्ट चेतावनी के रूप में सामने आया। यह संदेश था कि भारत अब आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा और आतंकवादी हमलों के विरुद्ध सरकार का रुख और भी कड़ा होगा। पाकिस्तान को यह समझने की आवश्यकता है कि अब भारत आतंकवाद को न सिर्फ रोकने बल्कि उसे पूरी तरह से नष्ट करने की दिशा में कदम बढ़ा चुका है।
जातिगत गणना पर क्या बोले
महेंद्र भट्ट ने इस प्रेस वार्ता में जातिगत गणना के मुद्दे को भी छेड़ा जो अब तक भारतीय राजनीति का एक विवादास्पद और संवेदनशील विषय रहा है। उन्होंने बताया कि 94 साल बाद भारत में जातिगत गणना का निर्णय लिया गया है और इसका मेन मकसद हर वर्ग के उत्थान के लिए नीतियां बनाना है।
यह निर्णय विशेष रूप से पिछड़ी जातियों अनुसूचित जातियों और जनजातियों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके माध्यम से सरकार विभिन्न सामाजिक वर्गों के उत्थान के लिए योजनाएं और नीतियां तैयार कर सकेगी जो उन वर्गों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए मददगार साबित होंगी।
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