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government crisis: पुडुचेरी में भाजपा विधायकों के एक वर्ग ने भ्रष्टाचार समेत विभिन्न मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई और राष्ट्रीय नेतृत्व के दरवाजे खटखटाए, जिससे केंद्र शासित प्रदेश में सत्तारूढ़ एआईएनआरसी-भाजपा गठबंधन में राजनीतिक संकट पैदा हो गया। विधायकों ने राष्ट्रीय राजधानी में डेरा डाल लिया और अपील की कि हालात “बदतर होने” से पहले सब कुछ ठीक कर लिया जाए। उन्होंने कुछ मांगें रखी हैं, जिनमें मंत्रिमंडल में फेरबदल भी शामिल है।

स्थानीय भाजपा इकाई के भीतर भी मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं, जहां हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में पार्टी उम्मीदवार की हार के बाद मौजूदा केंद्र शासित प्रदेश प्रमुख को बदलने की मांग की जा रही है। भाजपा उम्मीदवार, पुडुचेरी के गृह मंत्री ए नमस्सिवायम 19 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के वी वैथिलिंगम से 1.36 लाख से अधिक मतों के अंतर से हार गए और भगवा खेमे में यह चर्चा चल रही है कि तीन साल पुरानी एन रंगासामी के नेतृत्व वाली सरकार के 'खराब प्रदर्शन' ने भी उनकी हार में योगदान दिया।

भाजपा के एक सूत्र ने गुरुवार को बताया कि सात भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कुछ मनोनीत विधायकों और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर भाजपा आलाकमान से "पुडुचेरी में गठबंधन सरकार के कामकाज में खामियों को दूर करने के लिए" हस्तक्षेप करने की मांग की है।

सूत्र ने बताया कि उन्होंने बुधवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और पार्टी एवं प्रशासन को सही करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की।

प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से भी मुलाकात की और कुछ मुद्दे उठाए, जिसमें सरकार द्वारा भाजपा और उसके समर्थक विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों की जरूरतों और आवश्यकताओं को पूरा न करना शामिल है। विधायकों ने "बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार" की भी शिकायत की।

सूत्र ने कहा, "राष्ट्रीय राजधानी में विधायकों ने केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से भी मुलाकात की, जो हाल के दिनों में पार्टी पर्यवेक्षक थे और उन्हें संसदीय चुनावों में भाजपा की विफलता के स्पष्ट कारणों के बारे में बताया।"

बगावत पर सीएम रंगासामी चुप

मुख्यमंत्री रंगासामी चुप हैं, जबकि विधायक उनकी सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं।

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