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Up Kiran, Digital Desk: राजनीति में बयानबाज़ी कोई नई बात नहीं है लेकिन कुछ वक्तव्य न केवल विवाद खड़े करते हैं बल्कि सामाजिक समरसता सेना के सम्मान और संवैधानिक मर्यादाओं को भी चोट पहुँचाते हैं। ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह से जुड़ा हुआ है जिनका कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिया गया बयान भाजपा नेतृत्व सेना और आम नागरिकों के बीच तीखी आलोचना का कारण बना हुआ है।
अब बात यहां तक पहुंच चुकी है कि मंत्री पद पर बने रहना खुद विजय शाह के लिए मुश्किल हो गया है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज हो चुकी है और मुख्यमंत्री मोहन यादव तथा पार्टी नेतृत्व भी इस मुद्दे पर कठोर रुख अपना रहे हैं।
क्या कहा गया था और क्यों हुआ विवाद
विजय शाह ने महू में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान और आतंकवाद पर टिप्पणी करते हुए सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर अत्यंत आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने हमारी बेटियों के सिंदूर उजाड़े थे… मोदी जी ने उनकी बहन को ही भेजकर उनकी ऐसी-तैसी कराई।
बयान में आगे उन्होंने कहा कि मोदी जी उनके कपड़े तो नहीं उतार सकते थे इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। इस बयान को लिंग जाति और धर्म से जोड़ते हुए न केवल सेना की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला बल्कि समाज में विभाजन पैदा करने वाला बताया गया।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की एक प्रशंसित अधिकारी हैं जिन्होंने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निर्णायक भूमिका निभाई। वे पहली भारतीय महिला थीं जिन्होंने UN मिशन में एक प्लाटून का नेतृत्व किया और सैन्य सेवा में उनका योगदान प्रेरणास्पद माना जाता है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सेना की ओर से मीडिया को ब्रीफिंग देने वाली मुख्य अधिकारी भी वही थीं। उनका पेशेवर रेकॉर्ड देशभक्ति और नेतृत्व ने उन्हें राष्ट्रीय पहचान दिलाई है।
विजय शाह के बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय और राज्य स्तर पर असहजता फैल गई है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस मामले पर राज्य अध्यक्ष और संगठन महामंत्री के साथ देर रात बैठक की।
मिल सकती है ये सजा
सूत्रों के अनुसार पार्टी नेतृत्व मंत्री विजय शाह से इस्तीफा लेने या बर्खास्त करने पर विचार कर रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से भी हाई कोर्ट के आदेशों के पालन की बात कही गई जिससे यह स्पष्ट संकेत मिला कि पार्टी इस बयान से किनारा कर रही है।
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