कभी आपने सुना है कि चुनाव नहीं लड़ा भी प्रत्याशी है। चुनाव के परिणाम आना बाकी है। मतदान नहीं हुए हैं और प्रत्याशी को मंत्री बना दिया जाए। जी हां, यह कारनामा राजस्थान में हुआ है। भजनलाल शर्मा की सरकार का जो मंत्री परिषद का गठन हुआ उसमें सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी को स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री का बनाया गया है। उन्होंने शपथ ली है। और ये चौंकाने वाला एक मामला मीडिया में बन गया है कि सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी जिन्होंने अभी चुनाव नहीं लड़ा, वह मंत्री बनाए गए हैं।
दरअसल राजस्थान विधानसभा चुनाव की 200 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने थे, मगर एक सीट श्रीकरणपुर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का निधन हो गया। जिसके बाद वहां पर चुनाव स्थगित हो गए और अब वहां पर उपचुनाव होने हैं। 5 जनवरी को। नए साल दो हज़ार 24 में वहां पर मतदान होना है जहां पर कांग्रेस की ओर से प्रत्याशी है रुपिंदर सिंह कुन्नर और भाजपा के प्रत्याशी हैं सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी।
जो पूर्व विधायक हैं वहां से और पहले भी राजस्थान में राज्यमंत्री रह चुके हैं। कल भजनलाल सरकार का जब कैबिनेट का गठन हुआ, जब मंत्रिपरिषद में शपथ ग्रहण हुआ तो सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने भी राज्यमंत्री की शपथ ली। दरअसल अभी चुनाव हुए नहीं है, परिणाम नहीं आए हैं। कौन जीता है, कौन हारा है, यह पता नहीं चला है। मगर भाजपा के प्रत्याशी सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी ने शपथ ली है।
जानें बीजेपी ने क्यों बनाया मंत्री
इस पूरी चीज पर कांग्रेस पार्टी के पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने भी सवाल उठाए हैं। राजस्थान के जो प्रदेश अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी के। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान प्रजातंत्र के खिलाफ है। तमाम चीजें हुई है, मगर सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री क्यों बनाया गया है। एक बढ़िया समीकरण यहां से भाजपा ने साधने की कोशिश की है। भाजपा का यह बढिया एक मास्टरस्ट्रोक नजर आ रहा है, जिसमें चुनाव से पहले ही भाजपा ने उन्हें मंत्री बनाकर वहां के वोटरों को लुभाने की कोशिश की है।
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