
Up Kiran, Digital Desk: तेलंगाना में राजनीतिक बयानबाजी ने उस समय एक नया मोड़ ले लिया, जब बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) ने भाजपा के नेता बंदी संजय द्वारा पार्टी प्रमुख के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) को 'आतंकवादी' कहने की कड़ी निंदा की।
बंदी संजय ने केसीआर को 'आतंकवादी' करार देते हुए उन पर तेलंगाना के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था। इस बयान पर बीआरएस ने प्रचंड आक्रोश व्यक्त किया। बीआरएस नेताओं ने बंदी संजय के इन बयानों को 'आधारहीन', 'बेतुका', 'संवेदनहीन', 'अनैतिक' और 'असभ्य' बताया। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व से बंदी संजय के इस अशोभनीय बयान के लिए माफी मांगने की मांग की।
बीआरएस के प्रवक्ता पी. रविंदर सिंह और डॉ. दासोजु श्रावण ने एक संयुक्त बयान में कहा कि तेलंगाना को हासिल करने में केसीआर का संघर्ष और समर्पण अद्वितीय है। उन्होंने याद दिलाया कि तेलंगाना राज्य के गठन का भाजपा ने शुरुआत में विरोध किया था, लेकिन केसीआर के अथक प्रयासों से यह संभव हो पाया। बीआरएस नेताओं ने जोर देकर कहा कि केसीआर हमेशा से तेलंगाना के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं।
बीआरएस नेताओं ने बंदी संजय की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए उन्हें तत्काल उपचार की सलाह दी। उन्होंने कहा कि करीमनगर से चुनाव हारने के बाद बंदी संजय राजनीतिक रूप से अप्रासंगिक हो गए हैं और इसी हताशा में ऐसे बेबुनियाद बयान दे रहे हैं।
बीआरएस ने भाजपा पर तेलंगाना के साथ अन्याय करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा के कई अधूरे वादों का जिक्र किया, जैसे बय्याराम स्टील फैक्ट्री और काजीपेट कोच फैक्ट्री का निर्माण न होना। बीआरएस ने भविष्यवाणी की कि तेलंगाना में भाजपा का राजनीतिक भविष्य अंधकारमय है और वह जल्द ही पूरी तरह से अप्रासंगिक हो जाएगी।
--Advertisement--