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Up Kiran, Digital Desk: बहुजन समाज पार्टी (BSP) के राष्ट्रीय चीफ कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद बिहार में अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। मायावती के भतीजे आकाश आनंद 26 जून को छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती के मौके पर बिहार की राजधानी पटना में अपनी पहली जनसभा को संबोधित करेंगे। इस जनसभा के बाद वह बिहार संगठन की बैठक भी करेंगे जो पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति का हिस्सा होगी। आकाश आनंद के लिए यह राजनीतिक क्षेत्र में उतरने का पहला मौका है और इस जनसभा के बाद उनकी सियासी परिक्षा शुरू होगी।
मिशन बिहार का आगाज, आकाश का पहला कदम
आकाश आनंद बिहार में चुनावी माहौल को गर्म करने के लिए 26 जून को पटना में जनसभा करेंगे। छत्रपति शाहूजी महाराज की जयंती पर आयोजित यह कार्यक्रम बसपा के लिए सियासी रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आकाश की जनसभा को लेकर खास रणनीति बनाई गई है। पार्टी द्वारा इस कार्यक्रम को इनडोर ऑडिटोरियम में आयोजित करने का फैसला किया गया है जो इसके महत्व को दर्शाता है। जनसभा के बाद आकाश आनंद पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ संगठन की बैठकों में भी भाग लेंगे और उन्हें आगामी चुनावों की दिशा में मार्गदर्शन देंगे।
इस आयोजन के सियासी मायने भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बसपा दलित और ओबीसी वोट बैंक पर अपनी पकड़ बनाने के लिए इस कार्यक्रम का इस्तेमाल कर रही है। यह बसपा का चुनावी अभियान शुरू करने का प्रतीक भी माना जा रहा है और इसके बाद राज्यभर में आकाश की रैलियां देखने को मिल सकती हैं।
बिहार में बसपा का चुनावी सफर, चुनौतियां और मुश्किलें
आकाश आनंद भले ही बिहार में अपना अभियान शुरू करने जा रहे हों मगर पार्टी के लिए बिहार में रास्ता आसान नहीं दिख रहा है। 2009 के बाद से बसपा ने बिहार में अपने चुनावी आधार को फिर से स्थापित करने की कोशिशें की हैं मगर सफलता हाथ नहीं लगी। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में बसपा ने केवल एक सीट जीती थी मगर वह विधायक भी बाद में जेडीयू में शामिल हो गए थे। इसके अलावा बिहार में पार्टी के उम्मीदवारों का दूसरे दलों में शामिल होना कोई नई बात नहीं रही है।
याद दिलाया जाए तो बसपा ने बिहार में कभी भी मजबूत राजनीतिक पैठ नहीं बनाई है और पार्टी के विधायक अक्सर चुनाव के बाद अन्य दलों में चले जाते हैं। अब ऐसे में बसपा का अकेले चुनाव लड़ने का कदम कोई आसान चुनौती नहीं साबित हो सकता है।
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