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Up Kiran, Digital Desk: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अब कर्नाटक में अपनी पकड़ मजबूत करने और अपना जनाधार बढ़ाने पर विशेष ध्यान दे रही है। पार्टी का लक्ष्य राज्य में दलितों, पिछड़ों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के बीच अपनी उपस्थिति को और व्यापक बनाना है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए बसपा क्षेत्रीय विस्तार की ओर देख रही है।

कर्नाटक में बसपा का विस्तार न केवल पार्टी की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं का हिस्सा है, बल्कि यह दक्षिण भारत में अपनी विचारधारा को फैलाने का भी एक प्रयास है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि राज्य में अभी भी वंचित समुदायों का एक बड़ा वर्ग है जो मुख्यधारा की राजनीति में पूरी तरह से प्रतिनिधित्व महसूस नहीं करता है। बसपा इन समुदायों को एक साथ लाने और उन्हें राजनीतिक शक्ति प्रदान करने का लक्ष्य रखती है।

पार्टी की रणनीति में जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करना, अधिक से अधिक सदस्यता अभियान चलाना और स्थानीय मुद्दों को उठाना शामिल है। बसपा कर्नाटक में दलितों और बहुजनों के अधिकारों के लिए संघर्ष को तेज करने की भी योजना बना रही है, ताकि वे अपनी पहचान बना सकें। यह देखना दिलचस्प होगा कि पारंपरिक क्षेत्रीय दलों और राष्ट्रीय दलों के वर्चस्व वाले कर्नाटक में बसपा अपनी जगह कैसे बना पाती है।

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