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Up Kiran, Digital Desk: झारखंड भाजपा प्रदेश मुख्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और विपक्षी नेता की अध्यक्षता में एक अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई वरिष्ठ भाजपा नेता उपस्थित थे, जिनमें प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सांसद आदित्य साहू, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश प्रसाद, भानु प्रताप शाही, सांसद डॉ. प्रदीप वर्मा, मनोज कुमार सिंह, विधायक राज सिन्हा, पूर्व विधायक अनंत कुमार ओझा, शैलेन्द्र सिंह, और अभय सिंह सहित कई अन्य लोग शामिल थे।

निकाय चुनावों को लेकर भाजपा का आरोप
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर निकाय चुनाव टालने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार का असल उद्देश्य नगर निकाय चुनाव कराना नहीं है। चुनावों में देरी से न केवल आम जनता की समस्याओं का समाधान रुका हुआ है, बल्कि अफसरशाही का भी वर्चस्व बढ़ गया है। राज्य के 49 नगर निकायों में चुनाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए मरांडी ने कहा कि यह चुनाव जल्द से जल्द आयोजित किए जाने चाहिए, ताकि स्थानीय प्रतिनिधि जनता की समस्याओं को बेहतर तरीके से हल कर सकें।

ईवीएम से चुनाव की मांग
मरांडी ने यह भी स्पष्ट किया कि चुनावों को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए ईवीएम का ही उपयोग किया जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज देश के आम चुनाव ईवीएम से ही होते हैं, फिर क्यों न नगर निकाय चुनाव भी इसी व्यवस्था के तहत संपन्न हो। इसके अलावा, उन्होंने पार्टी आधारित चुनावों का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का अवसर देगा।

भाजपा का आगामी आंदोलन
मरांडी ने यह भी घोषणा की कि भाजपा कार्यकर्ता आगामी 5, 6 और 7 जनवरी को राज्य के विभिन्न नगर निकाय क्षेत्रों में धरना प्रदर्शन करेंगे और राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन प्रस्तुत करेंगे। इस आंदोलन का उद्देश्य राज्य सरकार पर दबाव बनाना है ताकि निकाय चुनाव जल्द से जल्द कराए जा सकें।

कांग्रेस पर भाजपा का हमला
भा.जा.पा. के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू ने कांग्रेस पार्टी द्वारा "जी राम जी योजना" का विरोध करने को लेकर तीखा हमला किया। उन्होंने इसे कांग्रेस की तुष्टीकरण नीति का हिस्सा बताया और कहा कि कांग्रेस अपने 60 साल के शासनकाल में कई योजनाओं के नाम बदल चुकी है, लेकिन अब राम के नाम से उन्हें आपत्ति हो रही है। साहू ने तर्क दिया कि राम महात्मा गांधी के आदर्शों से जुड़े थे, तो कांग्रेस को राम के नाम से क्यों समस्या हो रही है?