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Badlapur Case: बदलापुर में स्थित एक स्कूल में हाल ही में सामने आए दो मासूम बच्चियों संग हैवानियत के मामले ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। सरकार द्वारा गठित दो सदस्यीय टीम की प्रारंभिक रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 3 व 4 साल की ये बच्चियां बीते 14 दिनों में कई बार यौन शोषण का शिकार हुई हैं, जिससे उनकी योनि की झिल्ली (Hymens) फट गई है।

इस दर्दनाक घटना ने बदलापुर में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। स्कूल प्रशासन और पुलिस की लापरवाही ने इस मामले को और भी गंभीर बना दिया है। समिति की रिपोर्ट ने स्पष्ट रूप से स्कूल प्रशासन की विफलताओं को उजागर किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूल ने घटना की सूचना देने में अत्यधिक देर की, जबकि प्रिंसिपल ने 14 अगस्त को ही इस मामले की जानकारी स्कूल के ट्रस्टी को दे दी थी। इसके बावजूद, स्कूल प्रशासन ने अभिभावकों को सूचित करने या उनसे मिलने की कोई कोशिश नहीं की।

रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि बच्चियों के इलाज के लिए जिस अस्पताल में उन्हें ले जाया गया, वहां चिकित्सा सुविधा मिलने में भी 12 घंटे की देरी हुई। इसके अतिरिक्त, रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आरोपी अक्षय शिंदे की पहचान और पृष्ठभूमि की जांच किए बिना उसे स्कूल में संविदा कर्मचारी के रूप में रखा गया। अक्षय ने एक अगस्त से काम शुरू किया था, और उसकी स्कूल के महिला शौचालयों सहित सभी क्षेत्रों में बेरोकटोक पहुंच थी।

इस पूरी स्थिति ने ये सवाल पैदा किया है कि क्या स्कूल प्रशासन और संबंधित अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाया, और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों की अनुपस्थिति ने किस हद तक स्थिति को बिगाड़ा।

 

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