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बांदा, उत्तर प्रदेश: जिला बांदा के खनिज फाउंडेशन न्यास (DMFT) में एक बड़े घोटाले की गंध आ रही है, जहाँ नियमों को ताक पर रखकर सरकारी खजाने को करोड़ों का चूना लगाने की तैयारी की जा रही है। मामला ऑडिट के लिए निकाले गए एक टेंडर से जुड़ा है, जिसमें आरोप है कि 20 लाख रुपये के काम के लिए एक 'अयोग्य' फर्म को 2 करोड़ रुपये का भुगतान करने का रास्ता साफ कर दिया गया है।

क्या है पूरा मामला?

जिला खनिज फाउंडेशन न्यास ने ऑडिट कार्य के लिए जेम (GeM) पोर्टल पर एक टेंडर निकाला था, जिसका टेंडर आईडी GEM/2025/B/5857156 है। यह टेंडर "होप केयर सर्विसेज" नाम की एक फर्म को आवंटित किया गया है।

सूत्रों और शिकायतकर्ताओं के अनुसार, इस पूरे टेंडर आवंटन में भारी धांधली हुई है:

यह मामला सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की एक गंभीर तस्वीर पेश करता है। सवाल उठता है कि आखिर किन अधिकारियों की मिलीभगत से एक मैनपावर सप्लाई करने वाली फर्म को ऑडिट का इतना महंगा ठेका मिल गया? और 20 लाख के काम के लिए 2 करोड़ का बजट कैसे पास हो गया?

मामले की गंभीरता को देखते हुए, जिले के जिम्मेदार नागरिकों ने उच्चाधिकारियों से इस पूरे प्रकरण की तत्काल और निष्पक्ष जाँच कराने की मांग की है, ताकि सरकारी खजाने को लुटने से बचाया जा सके और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सके।

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