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Bangladesh Row: जिस भूमिका से 1971 में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को खदेड़ दिया था. पाकिस्तानी फौज अब बांग्लादेशी सेना को इसी भूमिका के लिए प्रशिक्षित करने जा रही है। बांग्लादेश की मौजूदा अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ सैन्य और रणनीतिक संबंध बढ़ाने की दिशा में कदम उठाया है, जिससे भारत के लिए नई चुनौती खड़ी हो सकती है।

बांग्लादेश सेना को प्रशिक्षित करने के लिए पाकिस्तान सेना के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष जनरल साहिर शमशाद मिर्जा के नेतृत्व में एक विशेष टीम फरवरी 2025 में वहां पहुंचेगी।

पहले चरण में प्रशिक्षण मेमेनशाही छावनी में सेना प्रशिक्षण और सिद्धांत कमान मुख्यालय में आयोजित किया जाएगा। यह प्रोग्राम एक साल तक चलेगा. इसके बाद पाकिस्तानी सेना बांग्लादेश के सभी 10 सैन्य कमांडों में प्रशिक्षण लेगी. जनरल मिर्ज़ा ने ये प्रस्ताव नवंबर में बांग्लादेश भेजा था. जिसे बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने स्वीकार कर लिया।

शेख हसीना की सरकार जाने के बाद ये निर्मय एक बड़ा बदलाव है. क्योंकि अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान के साथ रिश्ते मजबूत करने की कोशिशें तेज कर दी हैं. पाकिस्तान नौसेना के साथ बांग्लादेश का 'अमन-2025' अभ्यास फरवरी 2025 में कराची बंदरगाह में आयोजित किया जाएगा।

यह अभ्यास हर दो साल में होता है, लेकिन बांग्लादेश पिछले 15 साल से इससे दूर था। शेख हसीना के शासनकाल में पाकिस्तान के साथ किसी भी सैन्य अभ्यास पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार न केवल अभ्यास में भाग लेने के लिए सहमत हो गई है, बल्कि बंगाल की खाड़ी में PAK नौसेना के साथ संयुक्त अभ्यास की भी तैयारी कर चुकी है।

शेख हसीना की सरकार के दौरान बांग्लादेश के पाकिस्तान के साथ सीमित संबंध थे। 2022 में शेख हसीना ने पाकिस्तानी युद्धपोत पीएनएस तैमूर को चटगांव बंदरगाह पर उतरने की इजाजत नहीं दी थी. लेकिन मौजूदा अंतरिम सरकार ने न केवल पाकिस्तान से चटगांव तक कार्गो की अनुमति दे दी है, बल्कि इस कार्गो को निरीक्षण से भी छूट दे दी है.

भारत के सामने बड़ी चुनौती

ढाका और इस्लामाबाद के बीच सीधी उड़ानें फिर से शुरू करने की घोषणा की गई है। पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा नियमों में ढील दी गई है. एक पाकिस्तानी मालवाहक जहाज को बिना निरीक्षण के चटगांव बंदरगाह में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। बांग्लादेश में मौजूदा बदलाव के पीछे पाकिस्तान की रणनीति है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक शेख हसीना की सरकार को गिराने और अंतरिम सरकार बनाने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने अहम भूमिका निभाई थी. बांग्लादेश में लंबे समय से पाकिस्तान समर्थक ताकतें सक्रिय हैं, जो अब खुलकर सामने आ रही हैं. पाकिस्तान का यह कदम सामरिक दृष्टि से भारत के लिए बड़ी चुनौती हो सकता है।

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