
Up Kiran, Digital Desk: सोमवार को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक ऐतिहासिक मकबरे पर हिंदू संगठनों द्वारा की गई तोड़फोड़ की घटना ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया है। संगठन के सदस्यों ने दावा किया कि यह मध्यकालीन संरचना एक प्राचीन मंदिर स्थल (Ancient Temple Site) पर बनाई गई थी। इस घटना के बाद, अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पूरे क्षेत्र में भारी पुलिस बल और प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी (PAC) तैनात कर दी है, साथ ही विवादित स्थान के चारों ओर सुरक्षा बैरिकेड्स (Security Barriers) भी लगा दिए गए हैं।
विवादित ढांचा: सरकारी रिकॉर्ड में ‘मकबरा मंगी राष्ट्रीय संपत्ति
विवादित ढांचा सदर तहसील के रेडिया मोहल्ले के अबू नगर में स्थित है। सरकारी रिकॉर्ड्स में, खसरा संख्या 753 के तहत इस संरचना को 'मकबरा मंगी' (Maqbara Mangi) के रूप में दर्ज किया गया है, जिसे राष्ट्रीय संपत्ति (National Property) के रूप में नामित किया गया है। यह मामला तब और गरमा गया जब 'मात मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति' (Math Mandir Sanrakshan Samiti) के सदस्यों ने, अन्य हिंदू समूहों और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के समर्थकों के साथ मिलकर, इस मकबरे को ठाकुरजी और भगवान शिव को समर्पित एक मंदिर बताया। उन्होंने दावा किया कि यह ढांचा एक हजार साल से भी अधिक पुराना है।
घटनास्थल पर तनाव: केसरिया झंडे और धार्मिक नारे
घटनास्थल से प्राप्त फुटेज में, कई लोग केसरिया झंडे (Saffron Flags) लिए हुए और धार्मिक नारे (Religious Slogans) लगाते हुए मकबरे की संरचना को घेरे हुए दिखाई दे रहे हैं। इस हंगामे की शुरुआत बीजेपी जिला अध्यक्ष मुक्खलाल पाल (Mukhlal Pal) के दावों के बाद हुई, जिन्होंने आरोप लगाया कि जिसे नवाब अब्दुल समद की मजार (Tomb of Nawab Abdus Samad) के रूप में दर्ज किया गया है, वह वास्तव में एक प्राचीन मंदिर है जिसे समय के साथ बदल दिया गया है।
पाल ने संरचना के भीतर कमल के रूपांकन (Lotus Motifs) और त्रिशूल प्रतीकों (Trident Symbols) की उपस्थिति का हवाला देते हुए अपने मंदिर सिद्धांत का समर्थन किया। उन्होंने घोषणा की कि धार्मिक समुदाय उन्हें जिस तरह से उनके मंदिर को मस्जिद में बदलने का आरोप लगा रहा है, उसे बर्दाश्त नहीं करेगा, और वे प्रशासनिक आपत्तियों के बावजूद साइट पर प्रार्थना समारोह (Prayer Ceremonies) आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने अनुयायियों से पुरी ठाकुर डाक बंगले में इकट्ठा होकर एक समन्वित मार्च और पूजा सत्र में शामिल होने का आह्वान किया।
उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों को लेकर चल रहे विवादों की श्रृंखला में एक और कड़ी है और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्थानीय प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती पेश करती है। धार्मिक स्थल विवाद (Religious Site Dispute) और सांप्रदायिक तनाव (Communal Tension) को रोकने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर है।
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