
उत्तर प्रदेश के एक ज़िले में उस समय हड़कंप मच गया जब स्थानीय प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने सप्लाई से ठीक पहले भारी मात्रा में मिलावटी दूध बरामद किया। यह दूध इतना ख़तरनाक था कि उसमें नींबू डालने पर भी वह फटने की बजाय जस का तस बना रहा — जिससे उसकी शुद्धता पर सवाल उठना स्वाभाविक था।
यह कार्रवाई जिले के एक प्रमुख दूध सप्लायर के ठिकाने पर की गई, जहां गुप्त सूचना के आधार पर छापा मारा गया। जांच के दौरान पाए गए दूध के सैंपल्स को मौके पर ही टेस्ट किया गया, जिसमें पाया गया कि उसमें डिटर्जेंट, स्टार्च और अन्य रसायनों की मिलावट की गई थी। आमतौर पर दूध की शुद्धता जांचने के लिए नींबू का उपयोग किया जाता है — क्योंकि खरा दूध फौरन फट जाता है — लेकिन इस बार नींबू डालने पर भी दूध में कोई बदलाव नहीं हुआ।
जांच अधिकारियों के अनुसार, यह मिलावटी दूध विभिन्न स्थानीय बाजारों और दूध वितरण केंद्रों पर भेजा जाना था। यदि समय रहते यह कार्रवाई नहीं होती, तो यह दूध हज़ारों उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता था।
मिलावटखोर सप्लायर के खिलाफ संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही दूध के अन्य नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है।
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि वे दूध की गुणवत्ता को लेकर सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन को दें।
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि हमारी रोज़मर्रा की चीज़ों में मिलावट किस हद तक हमारी सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है।
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