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palamu sexual harassment: झारखंड स्थित पलामू के बालिका गृह में यौन हिंसा की घटना एक नाबालिग के साहस के कारण उजागर हुआ। पीड़िता घर जाने की इच्छा रखती थी, मगर काउंसलर प्रियंका ने उसे संचालक राम प्रताप गुप्ता को खुश करने (संबंध बनाने) की शर्त रखी। जब पीड़िता ने अपने परिजनों को बताया तो उन्होंने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को सूचना दी।

एक अन्य पीड़िता से काउंसलर ने पैसे की मांग की और उसका फोटो एक बाल कल्याण समिति के सदस्य को भेजा। कई अन्य लड़कियों को भी इसी प्रकार के प्रस्ताव दिए गए थे।

अन्य एक नाबालिग को सचिव के घर नौकरानी बनाकर भेजा गया था, जहां सचिव ने उसके साथ रेप का प्रयास किया मगर पीड़िता ने विरोध किया। जब उसने काउंसलर से शिकायत की, तो उसे चुप रहने की धमकी दी गई।

जिले के एएसपी राकेश सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में दोनों मुख्य आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया है और अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है। समस्त अपराधियों को सजा दिलाने का आश्वासन दिया गया है।

आपको बता दें कि बालिका गृह कांड का पर्दाफाश होने के बाद शुरु में जांच टीम ने 11 सदस्यों से पूछताछ की थी। जांच टीम को संदेह है कि इस मामले में आने वाले दिनों में और बी खुलासे हो सकते हैं। 
 

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