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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की सड़कों पर अब बाइक या स्कूटर चलाना पहले जैसा नहीं रहेगा. योगी सरकार ने सड़क सुरक्षा को लेकर एक ऐसा बड़ा और सख्त अभियान शुरू किया है, जिसका सीधा असर करोड़ों लोगों पर पड़ेगा. 1 सितंबर 2025 से पूरे राज्य में एक महीने के लिए "नो हेलमेट, नो फ्यूल" अभियान लागू कर दिया गया है. इसका सीधा सा मतलब है- अगर सिर पर हेलमेट नहीं, तो आपकी गाड़ी में पेट्रोल भी नहीं.
क्यों पड़ी इस नियम की जरूरत?
यह फैसला सिर्फ सख्ती दिखाने के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे हैं चौंकाने वाले आंकड़े. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि 2023 में उत्तर प्रदेश में 44,534 सड़क हादसे हुए, जो 2022 के मुकाबले कहीं ज़्यादा थे. इन हादसों में सबसे ज़्यादा जानें उन लोगों की गईं, जिन्होंने हेलमेट नहीं पहना था.
सजा नहीं, आदत डालना है मकसद
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ किया है कि इस अभियान का मकसद किसी को परेशान करना या सजा देना नहीं है, बल्कि लोगों में हेलमेट पहनने की आदत डालना और उनकी कीमती जान बचाना है. उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी लोगों से अपील की है कि वे अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए ट्रैफिक नियमों का पालन करें और अपनी स्पीड पर कंट्रोल रखें.
कैसे काम करेगा यह अभियान:जागरूकता अभियान: जिला प्रशासन और सड़क सुरक्षा समितियां मिलकर इस अभियान की निगरानी करेंगी. सूचना विभाग होर्डिंग्स और अन्य माध्यमों से लोगों को जागरूक करेगा.
सब पर रहेगी नजर: खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि सभी पेट्रोल पंप इस नियम का सख्ती से पालन करें.
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