
Up Kiran , Digital Desk: बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस स्कॉच की तुलना में म्यूचुअल फंड अनर्जिव को बेहतर रिटर्न देने का वादा करता है। यही कारण है कि हाल के वर्षों में म्युचुअल फंड में निवेश का क्रेज तेजी से बढ़ा है।
लेकिन हर कहानी की दूसरी तरफ भी एक समर्थक है। बिना सोचे-समझे निवेश करने पर कई बार विपरीत रिटर्न या फिर घाटा भी हो सकता है। तर्कशास्त्रियों का कहना है, इसकी सबसे बड़ी वजह फैन के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।
अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सोच रहे हैं तो इन 5 बातों का ध्यान जरूर रखें।
1. फंड का पिछला दस्तावेज़ जांचें
किसी भी फंड में पैसा लगाने से पहले उसके पिछले 2-3 साल के प्रदर्शन पर ध्यान दें:
हालाँकि, बैकवर्ड प्रदर्शन भविष्य की साख नहीं होती है, लेकिन इससे फंडों की प्रवृत्ति और स्थिरता का आकार मिल जाता है।
उदाहरण के लिए: अगर आपने 10 साल पहले किसी फंड में ₹10,000 का स्टॉक रखा था, तो आज उसके पास कितना स्टॉक है?
साल दर साल (CAGR) रिटर्न जरूर जांचें।
पिछले आंकड़ों में आप सही निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।
2. पोर्टफोलियो का पोर्टफोलियो से जांच
म्यूचुअल फंड में निवेश करने का लाभ यह है कि आप डायवर्सी पोर्टफोलियो पोर्टफोलियो का हिस्सा हैं, जो जोखिम कम करता है।
लेकिन निवेश से पहले फंड का पोर्टफोलियो चेक करना बेहद जरूरी है।
अगर आप प्राइवेट सेक्टर फंड ले रहे हैं तो जान लें कि किन कंपनियों और कंपनियों में कितना पैसा है।
अगर डेट फंड में निवेश कर रहे हैं तो उसकी क्रेडिट प्रोफाइल की जांच जरूर करें।
सही पोर्टफोलियो वाला फंड ही आपके पैसे को सही दिशा देगा।
3. एक्सपेंस रेश्यो और फंड का कार्पस देखें
म्यूच्यूअल फंड में निवेश करने पर समय व्यय रेश्यो को निर्धारित करने में भारी क्षति हो सकती है:
एक्सपेंस रेश्यो वह फीस होती है जो फंड मैनेजर फंड को पोर्टफोलियो के लिए चार्ज करता है।
अगर डेट फंड में निवेश कर रहे हैं तो खर्च रेश्यो कम हो, पैसा अच्छा है।
साथ ही फंड का कुल जमा पैसा भी देखें। अगर कार्पस तेजी से गिर रहा है, तो बचना चाहिए।
कम व्यय रेश्यो और स्थिर कार्पस संकेत अच्छे हैं।
4. सिर्फ बड़ी संपत्ति पर भरोसा न करेंबड़ा ब्रांड नाम शेयरिंग फंड में निवेश करना सही रणनीति नहीं है:सिर्फ एसोसिएट्स कि फंड किसी भी बड़े पैमाने पर स्वायत्त समूह से है, इसका मतलब यह नहीं है कि वह बेहतर रिटर्न देता है।अविश्वास और प्रचार के चक्कर में कोई मेहमान नहीं।हमेशा फ़ैक्ट्स का ट्रैक रिकॉर्ड, फ़ाइनेंशियल मैनेजर का प्रदर्शन, और वास्तविक डेटा एनालिसिस करें।निवेश का निर्णय आंकड़े और तथ्यों के आधार पर करें, न कि नाम या विज्ञापन के दावे।
5. केवल रिटर्न्स प्रशंसक प्रशंसक न चुनें
लगातार निवेशक निवेशकों की ओर से आकर्षित होते हैं जिन्होंने हाल ही में सबसे अधिक रिटर्न दिया है। लेकिन:
केवल पिछले 1-2 वर्षों के रिटर्न में दर्शक सूची खतरनाक हो सकती है।
फंड के रिटर्न के साथ-साथ उसकी वोलैटिलिटी, रिस्क रिस्क और लार्ज स्टार ट्रैक रिकॉर्ड भी देखें।
याद रखें, स्मार्ट निवेश वही होता है जो लॉन्ग टर्म में स्थिर और मजबूत होता है।
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