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Up Kiran, Digital Desk: कर्नाटक सरकार ने आगामी ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (GBA) चुनावों से ठीक पहले शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने के लिए एक बड़ा दांव खेला है. 30 अक्टूबर को हुई कैबिनेट बैठक में बेंगलुरु के विकास के लिए 2,296 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई. यह फैसला ऐसे समय में आया है जब देश की 'टेक कैपिटल' अपने खराब होते बुनियादी ढांचे को लेकर लगातार आलोचनाओं का सामना कर रही है.

पत्रकारों से बात करते हुए, कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एच. के. पाटिल ने बताया कि 'ग्रेटर बेंगलुरु एक्शन प्लान' को प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है. इस प्लान के तहत, GBA के अधिकार क्षेत्र में आने वाले पांच शहरी निगमों में सड़क और वॉर्ड स्तर पर विकास कार्य किए जाएंगे.

सड़कें होंगी चकाचक, वॉर्ड का होगा कायाकल्प

इस भारी-भरकम पैकेज को दो हिस्सों में बांटा गया है:

स्पेशल इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम: इसके तहत, पांचों निगमों की मुख्य और उप-मुख्य सड़कों पर डामर बिछाने (Asphalting) का काम होगा, जिस पर करीब 1,241.57 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री इंफ्रास्ट्रक्चर विकास स्कीम: इसके अंतर्गत, वॉर्ड स्तर पर गलियों को सुधारने और अन्य बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर लगभग 1,055 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

स्टार्टअप्स को भी मिली सौगात

इसके अलावा, कैबिनेट ने कर्नाटक स्टार्टअप पॉलिसी 2022-27 के तहत 'टेक्नोलॉजी बिजनेस इन्क्यूबेटर्स (TBIs) 2.0' की स्थापना को भी हरी झंडी दिखा दी है.

अगले पांच सालों में कुल 80 करोड़ रुपये की लागत से 8 नए इन्क्यूबेटर बनाए जाएंगे (हर इन्क्यूबेटर पर 10 करोड़ रुपये).

ये इन्क्यूबेटर मैसूर, बागलकोट, शिवमोग्गा, मंगलुरु, धारवाड़ और बेलगावी जैसे जिलों में स्थापित किए जाएंगे, ताकि राज्य के दूसरे हिस्सों में भी स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल सके.