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Up Kiran, Digital Desk: देश के नीति निर्माण और विकास की दिशा तय करने वाला महत्वपूर्ण निकाय, नीति आयोग (NITI Aayog), अब राज्यों के साथ और भी गहरा जुड़ाव रखने की योजना बना रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय नीतियां राज्यों की ज़मीनी हकीकत और विशिष्ट ज़रूरतों के अनुरूप हों और उनका क्रियान्वयन अधिक प्रभावी तरीके से हो सके।

यह कदम सहकारी संघवाद (Cooperative Federalism) की भावना को मज़बूत करने और केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाने के लिए उठाया गया है। नीति आयोग एक 'थैंक टैंक' और सलाहकार निकाय के रूप में काम करता है, और इस नई पहल के तहत वह राज्यों के साथ नियमित संवाद, उनकी चुनौतियों को समझने और उनकी प्रतिक्रिया (feedback) को नीति निर्माण प्रक्रिया में शामिल करने पर ज़ोर देगा।

इस नज़दीकी जुड़ाव से उम्मीद है कि राज्यों को उनकी विकास प्राथमिकताओं को पूरा करने में अधिक सहायता मिलेगी और केंद्र की योजनाओं को लागू करने में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकेगा। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास का लाभ देश के हर कोने तक पहुँचे और राज्यों की अपनी विशिष्ट आवश्यकताओं को राष्ट्रीय एजेंडे में पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिले।

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