
Up Kiran, Digital Desk: कपड़ा मंत्रालय के अनुसार, समर्थ योजना के तहत अब तक 4.32 लाख लाभार्थियों को प्रशिक्षित किया गया है और 3.20 लाख को नौकरियां मिली हैं, जिनमें से 88 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
वस्त्र उत्पादन, शिल्प कौशल और नवाचार में महिलाओं को सशक्त बनाकर यह योजना लैंगिक समावेशी विकास को बढ़ावा दे रही है। यह योजना पूरे भारत में लागू है, जिससे जम्मू-कश्मीर से लेकर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तक कौशल विकास सुलभ हो गया है।
कपड़ा विनिर्माण को बढ़ाने, बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण, कुशल जनशक्ति के माध्यम से नवाचार उन्नयन प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर सरकार का ध्यान वैश्विक कपड़ा केंद्र के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने समर्थ योजना के तहत उद्योग भागीदारों और लाभार्थियों के साथ बातचीत की, और समर्थ योजना के तहत हथकरघा, हस्तशिल्प, जूट और रेशम सहित विभिन्न क्षेत्रों के लाभार्थियों से मुलाकात की।
लाभार्थियों ने उन्हें दिए गए लाभों पर अपने अनुभव साझा किए, जिससे उनकी आजीविका मजबूत हुई है। बातचीत के दौरान, लाभार्थियों और उद्योग भागीदारों ने केंद्रीय मंत्री के साथ योजना के प्रभाव और सफलता की कहानियां साझा कीं।
मंत्री ने भारत में कपड़ा क्षेत्र के महत्व को सबसे बड़े रोजगार सृजन क्षेत्रों में से एक के रूप में रेखांकित किया तथा समर्थ योजना सहित कपड़ा मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उन्हें प्रदान किए जा रहे लाभों पर प्रकाश डाला।
बातचीत के दौरान उद्योग प्रतिनिधियों ने समर्थ योजना की वर्तमान स्थिति पर अपने विचार रखे, जिसमें चुनौतियों का समाधान, विकास की संभावनाएं और भारत को वस्त्र उद्योग का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए कुशल जनशक्ति के लिए उपलब्ध अवसर शामिल थे।
समर्थ कार्यबल सशक्तिकरण विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। समर्थ का उद्देश्य संगठित कपड़ा और संबंधित क्षेत्रों में रोजगार सृजन में उद्योग के प्रयासों को प्रोत्साहित करना और पूरक बनाना है, जिसमें कताई और बुनाई को छोड़कर वस्त्रों की संपूर्ण मूल्य श्रृंखला शामिल है।
इस बीच, केंद्र के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा प्रत्येक वर्ष कपड़ा क्षेत्र में स्टार्टअप के रूप में मान्यता प्राप्त नई संस्थाओं की संख्या पिछले पांच वर्षों में लगातार बढ़ रही है, जो 2020 में 204 से बढ़कर 2023 में 703 और 2024 में 765 हो गई है।
--Advertisement--