_235635433.png)
Up Kiran, Digital Desk:बिहार में चुनावी बिगुल बजने से पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी तैयारी शुरू कर दी है। इस बार पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों के कामकाज पर पैनी नजर डाली है और कई नेताओं की टिकट कटने की पूरी संभावना है। जनता के बीच जिन विधायकों की छवि कमजोर रही है या जिनके खिलाफ असंतोष की खबरें सामने आई हैं, उनका दोबारा मैदान में उतरना मुश्किल लगता है। पार्टी का अब फोकस सिर्फ ऐसे उम्मीदवारों पर है जो जीत की गारंटी दे सकें।
600 से ज्यादा उम्मीदवारों पर मंथन, कई चेहरे बाहर
हाल ही में चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की अगुआई में एक उच्चस्तरीय बैठक हुई जिसमें पार्टी ने 600 से ज्यादा संभावित प्रत्याशियों के नामों पर गहन विचार किया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार करीब दो दर्जन से ज्यादा मौजूदा विधायकों के टिकट काटने का फैसला लगभग तय हो चुका है। BJP का साफ संदेश है – पार्टी से ऊपर जनता की राय।
सीटों पर फेरबदल की तैयारी, कमजोर नेताओं की होगी अदला-बदली
सूत्रों की मानें तो जिन सीटों पर मौजूदा विधायक कमजोर नजर आ रहे हैं, वहां उनकी जगह किसी प्रभावशाली नेता को उतारा जा सकता है। यानी अब सीट वही, चेहरा नया। इससे यह साफ हो गया है कि पार्टी जमीनी हकीकत को देखते हुए फैसले ले रही है, न कि केवल पुराने समीकरणों पर।
नए उम्मीदवारों की होगी एंट्री, युवाओं और महिलाओं को मिलेगा बड़ा मौका
BJP इस बार नए चेहरों को मैदान में लाने की तैयारी में है। खासकर ऐसे पूर्व सांसद जो लोकसभा चुनाव में हार गए थे या संगठन में सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है। इसके साथ ही, युवा और महिला उम्मीदवारों को भी इस बार काफी जगह दी जा सकती है ताकि सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन बना रहे। पार्टी एक नई टीम बनाना चाहती है जो मेहनती हो, साफ-सुथरी छवि रखती हो और पार्टी के प्रति निष्ठावान हो।
इन विधायकों की टिकट पर खतरा, बागियों पर सख्त रवैया
पार्टी सूत्रों के अनुसार, अनुशासनहीन और कमजोर प्रदर्शन वाले नेताओं पर इस बार तलवार चल सकती है। अलीपुर से मिश्रा लाल यादव, नरकटियागंज से रश्मि वर्मा और रामनगर से भागीरथी देवी जैसे नाम चर्चा में हैं, जिनका टिकट कट सकता है। वहीं, लोरैया के विधायक विनय बिहारी को लेकर पार्टी के भीतर मतभेद बने हुए हैं।
हर उम्मीदवार पर सख्त मूल्यांकन, नहीं चलेगा कोई दबाव
BJP अब हर संभावित उम्मीदवार के प्रदर्शन, जनता से जुड़ाव, संगठनात्मक भागीदारी और छवि को ध्यान में रखते हुए टिकट तय करेगी। केवल पुराने नाम या सिफारिश अब काम नहीं आएगी। 80 मौजूदा विधायकों ने दोबारा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है, लेकिन संगठन के पास 600 से ज्यादा दावेदारों के नाम पहुंच चुके हैं। ऐसे में कड़ी छंटनी के बाद ही अंतिम उम्मीदवारों के नाम घोषित किए जाएंगे।
सिर्फ ‘विनिंग कैपेसिटी’ वाले नेताओं को ही मिलेगा मौका
इस बार पार्टी की रणनीति बिल्कुल स्पष्ट है – केवल वही उम्मीदवार मैदान में उतरेंगे जिनकी जीत तय मानी जा रही हो। संगठन के लिए वफादारी, साफ-सुथरी छवि और मजबूत जनसंपर्क ही टिकट पाने का आधार होगा। BJP का यह रुख साफ करता है कि वह इस बार किसी भी तरह का समझौता करने के मूड में नहीं है।