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Up Kiran, Digital Desk: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि देश में "सुनियोजित और केंद्रीकृत" तरीके से मतदाता सूची से नाम हटाए जा रहे हैं और इसके लिए सॉफ्टवेयर तथा फर्जी मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हो रहा है।

दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने एक विस्तृत प्रेजेंटेशन के ज़रिए आरोप लगाया कि खासकर कांग्रेस गढ़ों में व्यवस्थित तरीके से वोट हटाए जा रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक के अलंद निर्वाचन क्षेत्र का हवाला देते हुए कहा कि वहां 6,000 से अधिक वोट डिलीट करने की कोशिश की गई, जो संयोगवश सामने आ गई।

अलंद: हेराफेरी की पहली झलक

राहुल गांधी ने बताया कि इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत तब हुई जब एक बूथ लेवल ऑफिसर ने देखा कि उसके चाचा का नाम मतदाता सूची से गायब है। जांच में पता चला कि एक पड़ोसी के नाम पर यह डिलीशन हुआ है, जबकि पड़ोसी ने इससे इनकार किया। गांधी के अनुसार, "ना जिसने वोट हटाया, ना जिसका नाम हटा, दोनों ही अनजान थे। यह दिखाता है कि पूरी प्रक्रिया हाईजैक हो चुकी है।"

स्वचालित सॉफ्टवेयर से हो रही वोट डिलीशन?

राहुल गांधी ने दावा किया कि एक विशेष सॉफ्टवेयर के ज़रिए बूथ लेवल पर पहला नाम चुना जाता है और उसी का उपयोग वोट हटाने के लिए किया जाता है। "राज्य के बाहर से मोबाइल नंबर मंगवाकर इनका उपयोग किया जा रहा है। यह कोई लोकल स्तर की गलती नहीं, बल्कि एक हाई-लेवल साजिश है," उन्होंने कहा।

कांग्रेस के गढ़ पर निशाना

गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि यह अभियान कांग्रेस के गढ़ों को टारगेट कर रहा है। उन्होंने कहा, "2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिन 10 बूथों में जीत हासिल की थी, उनमें से 8 में सबसे ज़्यादा वोट हटाए गए। यह कोई इत्तेफाक नहीं है।"

चुनाव आयोग पर सीधा हमला

अपने बयान को और धार देते हुए राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लोकतंत्र को कमजोर करने और "वोट चोरों" को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग को बार-बार डिजिटल ट्रेल और डेटा देने की मांग की गई, लेकिन उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया गया। यह दर्शाता है कि कहीं न कहीं बड़ी साजिश है।"