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Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है। इस बार मामला सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एक मंत्री, नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' से जुड़ा है, जिन्होंने खुद नोएडा अथॉरिटी में 'व्यापक भ्रष्टाचार' का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री को एक गंभीर चिट्ठी लिखी है। इस पत्र ने यूपी के प्रशासनिक और राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी है।

 कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में नोएडा अथॉरिटी में चल रही कथित अनियमितताओं और भ्रष्टाचार पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अथॉरिटी के कामकाज में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार के मामलों पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है। हालांकि, पत्र में किन विशिष्ट मामलों या अधिकारियों का ज़िक्र है, इसकी पूरी जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं हुई है, लेकिन यह साफ है कि आरोप काफी गंभीर हैं।

नोएडा अथॉरिटी उत्तर प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण और राजस्व-समृद्ध प्राधिकरणों में से एक है। यहां बड़े पैमाने पर शहरी विकास, रियल एस्टेट परियोजनाएं और औद्योगिक निवेश होता है। ऐसे में किसी मंत्री द्वारा भ्रष्टाचार के आरोप लगाना अपने आप में बड़ी बात है। इससे अथॉरिटी की कार्यप्रणाली और उसकी निगरानी पर सवाल खड़े हो गए हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो भ्रष्टाचार पर 'जीरो टॉलरेंस' की नीति अपनाते हैं, इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा। उम्मीद की जा रही है कि वह इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे और जांच के आदेश दे सकते हैं। यदि ये आरोप सही पाए जाते हैं, तो इससे कई बड़े अधिकारियों और बिल्डरों पर गाज गिर सकती है।

यह घटना भाजपा सरकार के भीतर ही भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर एक आंतरिक संघर्ष का भी संकेत देती है। मंत्री नंदी द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से विपक्ष को भी एक बड़ा मुद्दा दे सकता है। अब सभी की निगाहें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अगले कदम पर टिकी हैं कि वह इस 'अथॉरिटी भ्रष्टाचार' पर क्या एक्शन लेते हैं।

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