Up Kiran, Digital Desk: पश्चिम अफ्रीका के देश माली से एक बेहद चिंताजनक और बड़ी खबर सामने आ रही है. यहां चल रही भीषण अशांति और आतंक के बीच, 5 भारतीय नागरिकों का अपहरण कर लिया गया है. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब यह पूरा क्षेत्र अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट (IS) जैसे खूंखार आतंकवादी संगठनों की बढ़ती गतिविधियों से जूझ रहा है.
इस अपहरण ने माली में काम कर रहे भारतीय समुदाय और भारत सरकार की चिंताएं बढ़ा दी हैं.
आतंक का नया गढ़ बनता माली
माली, विशेषकर साहेल क्षेत्र, पिछले कुछ समय से जिहादी हिंसा का केंद्र बना हुआ है. यहां अल-कायदा और इस्लामिक स्टेट से जुड़े गुट लगातार अपनी पकड़ मजबूत कर रहे हैं. ये आतंकी संगठन अपहरण, फिरौती और हत्या जैसी वारदातों को अंजाम देकर अपनी ताकत और दबदबा कायम करने की कोशिश करते हैं.
किसने किया अपहरण?: हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन ने इस अपहरण की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन जिस तरह से इस इलाके में इन आतंकी गुटों का आतंक है, शक की सुई सीधे तौर पर उन्हीं की ओर जा रही है.
क्यों करते हैं अपहरण?: विदेशी नागरिकों, खासकर पश्चिमी और एशियाई देशों के लोगों का अपहरण, इन आतंकी संगठनों के लिए पैसा कमाने का एक बड़ा जरिया है. वे अपहृत लोगों को छोड़ने के बदले भारी-भरकम फिरौती की मांग करते हैं.
भारत सरकार की पैनी नजर
इस घटना की खबर मिलते ही भारत सरकार तुरंत हरकत में आ गई है.
विदेश मंत्रालय सक्रिय: विदेश मंत्रालय माली की सरकार और स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है.
सुरक्षित रिहाई पहली प्राथमिकता: सरकार की पहली और सबसे बड़ी प्राथमिकता सभीपांच भारतीय नागरिकों की सुरक्षित और जल्द से जल्द रिहाई सुनिश्चित करना है.
पहचान अभी गुप्त: अपहृत भारतीयों की पहचान और वे माली में किस कंपनी के लिए या किस काम से गए थे, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक जानकारी सुरक्षा कारणों से साझा नहीं की गई है.
यह घटना इस बात का गंभीर संकेत है कि साहेल क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति अब वहां काम कर रहे भारतीय नागरिकों के लिए भी एक बड़ा खतरा बनती जा रही है. भारत सरकार के सामने अब अपने नागरिकों को आतंकियों के चंगुल से सुरक्षित बाहर निकालने की एक बहुत बड़ी और संवेदनशील चुनौती है.
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