Up Kiran, Digital Desk: बिहार में 6 नवंबर को होने वाले पहले चरण के चुनाव से ठीक पहले, मोकामा में जन सुराज कार्यकर्ता दुलार चंद यादव की हत्या के सिलसिले में पूर्व विधायक अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने रविवार को बताया कि सिंह को उनके घर से गिरफ्तार किया गया, जहां वह अपने समर्थकों के साथ मौजूद थे। इस गिरफ्तार से बिहार चुनाव में हलचल मच गई है, क्योंकि मोकामा से सिंह जदयू के उम्मीदवार हैं और उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं।
अनंत सिंह की गिरफ्तारी: एक अहम मोड़
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कार्तिकेय शर्मा ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए बताया कि अनंत सिंह और उनके चार साथियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। सिंह की गिरफ्तारी बाढ़ से हुई है, जो राजधानी पटना से लगभग 200 किलोमीटर दूर स्थित है।
शर्मा ने कहा, "हम चुनाव के दौरान कोई भी असामाजिक तत्व नहीं बर्दाश्त करेंगे। पटना में मतदान शांतिपूर्वक होगा और मतदाता बिना किसी डर के अपने मताधिकार का उपयोग कर सकेंगे।"
हत्या का क्या है मामला?
पिछले गुरुवार को मोकामा में जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार करते समय दुलार चंद यादव की हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने इस हत्या के सिलसिले में अलग-अलग चार एफआईआर दर्ज की हैं। इनमें एक एफआईआर पूर्व विधायक अनंत सिंह के खिलाफ भी है।
पुलिस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह साफ हुआ कि यादव की मौत हृदय और फेफड़ों में चोट के कारण हुई, जिससे कार्डियोरेस्पिरेटरी फेलियर हो गया था।
अनंत सिंह का बयान और आरोप
अनंत सिंह ने अपने खिलाफ दर्ज आरोपों को नकारते हुए कहा था कि उनके समर्थकों और यादव के बीच झड़प हुई थी। हालांकि, सिंह ने यह भी दावा किया कि इस घटना के लिए उनके पुराने प्रतिद्वंद्वी सूरजभान जिम्मेदार हैं। दिलचस्प बात यह है कि सूरजभान की पत्नी वीणा देवी मोकामा से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की उम्मीदवार हैं।
जन सुराज पार्टी का प्रतिक्रिया
जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी का स्वागत किया है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह कदम थोड़ी देर से उठाया गया। उन्होंने कहा, "यह सही कदम है, लेकिन अगर पहले कार्रवाई की गई होती तो यह और अच्छा होता।" प्रियदर्शी ने यह भी बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान सिंह का 50 वाहनों का काफिला देखा गया था, जो उनकी स्थिति को लेकर सवाल उठाता है।
चुनाव पर इसका असर क्या होगा?
पूर्व विधायक की गिरफ्तारी से बिहार चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। अब यह देखना होगा कि चुनावी अधिकारियों और पुलिस प्रशासन इस मामले की जांच में कितना पारदर्शी और सख्त रहते हैं। चूंकि मोकामा एक संवेदनशील क्षेत्र है, यहां होने वाले चुनाव पर इस घटनाक्रम का असर पड़ना तय है।
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