
महंगाई के मोर्चे से राहत भरी खबर सामने आई है। मार्च 2025 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित मुद्रास्फीति घटकर 2.05 प्रतिशत पर आ गई है, जो पिछले छह महीनों में सबसे कम है। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुए सरकारी आंकड़ों में दी गई। महंगाई में यह गिरावट सब्जियों, आलू और अन्य खाद्य उत्पादों की कीमतों में कमी के कारण देखने को मिली है।
थोक महंगाई फरवरी से भी कम
फरवरी 2025 में थोक महंगाई दर 2.38 प्रतिशत थी।
मार्च 2024 में यह मात्र 0.26 प्रतिशत पर थी।
सितंबर 2024 में WPI 1.91 प्रतिशत दर्ज हुआ था।
उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह गिरावट मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं, बिजली, वस्त्र और अन्य विनिर्माण उत्पादों में कीमतों की स्थिरता या गिरावट के चलते हुई है।
खाद्य महंगाई में भी राहत
फरवरी 2025 में खाद्य मुद्रास्फीति 3.38 प्रतिशत थी, जो मार्च में घटकर 1.57 प्रतिशत रह गई।
सब्जियों में 15.88 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई, जबकि फरवरी में यह आंकड़ा 5.80 प्रतिशत था।
खुदरा महंगाई भी छह साल के निचले स्तर पर
खुदरा यानी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति भी मार्च में घटकर 3.34 प्रतिशत हो गई है, जो अगस्त 2019 के बाद सबसे कम है।
फरवरी में CPI महंगाई 3.61 प्रतिशत थी।
मार्च 2024 में यह 4.85 प्रतिशत थी।
खाद्य मुद्रास्फीति भी मार्च में घटकर 2.69 प्रतिशत पर आ गई है, जो फरवरी में 3.75 प्रतिशत और पिछले साल मार्च में 8.52 प्रतिशत थी।
आलू और प्याज की कीमतों में बड़ी गिरावट
आलू की मुद्रास्फीति मार्च 2025 में 6.77 प्रतिशत रही, जो पिछले महीनों में दो अंकों में थी।
प्याज की महंगाई फरवरी में 48.05 प्रतिशत थी, जो मार्च में घटकर 26.65 प्रतिशत हो गई।
हालांकि, कुछ सेक्टर्स में कीमतें बढ़ी हैं:
विनिर्मित उत्पादों में 3.07 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई (फरवरी में 2.86 प्रतिशत)।
ईंधन और बिजली सेक्टर में मार्च में 0.20 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो फरवरी में 0.71 प्रतिशत थी।
विशेषज्ञों की राय
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के एसोसिएट डायरेक्टर पारस जसराय के अनुसार:
वित्त वर्ष 2025 के लिए औसत थोक मुद्रास्फीति 2.3 प्रतिशत रही।
यह पिछले साल की (-0.7 प्रतिशत) तुलना में अधिक है, लेकिन वित्त वर्ष 2022-23 में 11.2 प्रतिशत के मुकाबले काफी कम है।
आने वाले समय में रबी फसल के अच्छे उत्पादन के चलते खाद्य महंगाई और भी कम हो सकती है।
उन्होंने अनुमान जताया कि निकट भविष्य में थोक महंगाई दर लगभग 1.5 प्रतिशत के आसपास रह सकती है।