
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा लगातार दूसरी बार रेपो रेट में कटौती करने के बाद बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरें घटा दी हैं। इसका सीधा असर उन निवेशकों पर पड़ा है जो एफडी में निवेश करके सुरक्षित और निश्चित रिटर्न की उम्मीद रखते हैं। अब उन्हें बैंकों से पहले की तुलना में कम रिटर्न मिलेगा।
हालांकि, इसका मतलब यह नहीं कि निवेश के सभी मौके खत्म हो गए हैं। अगर आप अब भी एफडी में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो कॉरपोरेट एफडी एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इन एफडी में ब्याज दरें अभी भी 9.40% तक मिल रही हैं, जो बैंक एफडी की तुलना में कहीं अधिक है।
कॉरपोरेट एफडी क्या होती है?
कॉरपोरेट एफडी को कंपनी फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम से भी जाना जाता है। यह डिपॉजिट किसी बैंक द्वारा नहीं, बल्कि नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) द्वारा जारी की जाती है। इसे भी बैंक एफडी की तरह एक निश्चित अवधि और निश्चित ब्याज दर पर निवेश किया जाता है। कॉरपोरेट एफडी की अवधि कुछ महीनों से लेकर 10 साल तक हो सकती है।
ये एफडी केवल उन्हीं एनबीएफसी कंपनियों द्वारा जारी की जा सकती हैं जिन्हें आरबीआई की मान्यता प्राप्त हो। इसका मतलब है कि केवल रेगुलेटेड और अधिकृत कंपनियां ही इस तरह की एफडी की पेशकश कर सकती हैं।
बैंक एफडी और कॉरपोरेट एफडी में अंतर
कॉरपोरेट एफडी और बैंक एफडी के बीच सबसे बड़ा अंतर ब्याज दरों का होता है। आम तौर पर, कॉरपोरेट एफडी में बैंक एफडी की तुलना में ज्यादा ब्याज दिया जाता है। इसका कारण यह है कि कंपनियां अपने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अधिक रिटर्न देती हैं।
हालांकि, अधिक ब्याज दर के साथ जोखिम भी जुड़ा होता है। बैंक एफडी पर 5 लाख रुपये तक का बीमा होता है, जो कि डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा दिया जाता है। यानी अगर बैंक डिफॉल्ट कर जाए तो 5 लाख रुपये तक की राशि निवेशकों को वापस मिल सकती है। दूसरी ओर, कॉरपोरेट एफडी में कोई बीमा नहीं होता। यदि कंपनी दिवालिया हो जाए, तो आपका पूरा पैसा भी डूब सकता है।
रेटिंग की जांच करना क्यों जरूरी है?
कॉरपोरेट एफडी में निवेश करने से पहले एक जरूरी कदम है कंपनी की क्रेडिट रेटिंग की जांच करना। यह रेटिंग दर्शाती है कि कंपनी कितनी वित्तीय रूप से मजबूत है और कितनी विश्वसनीय है। आमतौर पर CRISIL, ICRA, और CARE जैसी रेटिंग एजेंसियां कंपनियों को AAA, AA+, A+ जैसे रेटिंग देती हैं। AAA रेटिंग को सबसे सुरक्षित माना जाता है।
निवेश करने से पहले कंपनी के पिछले प्रदर्शन, लाभ-हानि के रिकॉर्ड और समय पर ब्याज चुकाने की उसकी क्षमता का भी मूल्यांकन करें। निवेश की अवधि, प्रीमैच्योर विदड्रॉल पर पेनाल्टी और ब्याज भुगतान की आवृत्ति जैसी बातें भी जांचना जरूरी है।
कॉरपोरेट एफडी की ब्याज दरों की तुलना
कंपनी का नाम | क्रेडिट रेटिंग | ब्याज दर (सामान्य) | वरिष्ठ नागरिकों के लिए | निवेश अवधि |
---|---|---|---|---|
श्रिराम फाइनेंस | ICRA AA+ | अधिकतम 8.80% | अधिकतम 9.40% | 1 से 5 वर्ष |
बजाज फाइनेंस लिमिटेड | CRISIL FAAA | अधिकतम 8.35% | अधिकतम 8.60% | 1 से 5 वर्ष |
महिंद्रा फाइनेंस | CRISIL AAA | अधिकतम 8.10% | अधिकतम 8.35% | 1 से 5 वर्ष |
मुथूट कैपिटल सर्विसेस | CRISIL A+ | अधिकतम 8.38% | अधिकतम 8.88% | 1 से 5 वर्ष |
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस | CRISIL AA+ | अधिकतम 8.00% | अधिकतम 8.30% | 1 से 10 वर्ष |
आईसीआईसीआई होम फाइनेंस | CRISIL AAA | अधिकतम 7.80% | अधिकतम 8.05% | 1 से 10 वर्ष |
एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस | CRISIL AAA | अधिकतम 7.75% | अधिकतम 8.00% | 1 से 5 वर्ष |
इन आंकड़ों से साफ है कि कुछ कॉरपोरेट एफडी अभी भी बैंक एफडी की तुलना में काफी बेहतर रिटर्न दे रही हैं, खासकर वरिष्ठ नागरिकों के लिए। लेकिन निवेश करने से पहले कंपनी की फाइनेंशियल हैल्थ और क्रेडिट रेटिंग जरूर जांचें।