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Up Kiran, Digital Desk: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को मऊ के विधायक अब्बास अंसारी को एक बड़ी राहत दी। कोर्ट ने उनके खिलाफ चल रहे हेट स्पीच मामले में दिए गए दोषसिद्धि के आदेश को रद कर दिया, जिससे उनकी विधानसभा सदस्यता बहाल हो गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने लंच ब्रेक के बाद सुनाया, जब पिछले सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) से मऊ सदर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे, को पहले मऊ की एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट द्वारा एक आपत्तिजनक हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराया गया था। उन पर आईपीसी की धारा 153-ए (समूहों के बीच नफरत और दुश्मनी फैलाने) और धारा 189 (सार्वजनिक अधिकारी को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने) के तहत आरोप लगाए गए थे। इसके अलावा, उन्हें धारा 506 (धमकी देना) और धारा 171-एफ (चुनाव में अनैतिक प्रभाव डालने) के तहत भी सजा दी गई थी।

स्पेशल कोर्ट ने उन्हें इन आरोपों के लिए दो साल की सजा सुनाई थी, लेकिन अदालत ने आदेश दिया था कि सभी सजा एक साथ पूरी की जाएगी। इस फैसले के बाद अब्बास अंसारी ने इस पर पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी, जिस पर अब इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहत दी।

यह मामला तब सार्वजनिक हुआ था, जब अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनावों के बाद समाजवादी पार्टी (SP) के सत्ता में आने की संभावना पर एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार के अधिकारियों को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। इस बयान को लेकर उनके खिलाफ धमकी देने का केस दर्ज किया गया था, जिसके बाद एमपी/एमएलए स्पेशल कोर्ट में उनकी सजा हुई।

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