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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की सियासत फिर से गर्म होती नजर आ रही है। 2025 के अक्टूबर में संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। बड़े-बड़े नेताओं की चर्चा तो आम बात है, मगर आम जनता की नजर इस बार कुछ नए चेहरों पर भी है। लेकिन सवाल ये है कि क्या हर कोई चुनाव लड़ सकता है? और अगर हां, तो इसकी प्रक्रिया क्या है? खासकर, विधानसभा चुनाव लड़ने में कितना खर्च आता है, यह जानना कई लोगों के लिए जरूरी हो गया है।
कौन तय करता है चुनाव के नियम?
भारत में चुनाव से जुड़ी हर प्रक्रिया को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) की होती है। चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर किसी राज्य का विधानसभा चुनाव, नियम सबके लिए समान होते हैं। उम्मीदवारों को नामांकन से लेकर प्रचार तक आयोग के बनाए गए दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।
क्या कोई भी बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकता है?
जी हां, अगर आप भारतीय नागरिक हैं और आपकी उम्र 25 वर्ष या उससे अधिक है, तो आप बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ने के पात्र हैं। लेकिन इसके साथ कुछ शर्तें भी होती हैं जैसे कि आपके खिलाफ कोई गंभीर आपराधिक मामला न हो और आप मानसिक रूप से स्वस्थ हों।
चुनाव लड़ने की फीस कितनी होती है?
यह एक ऐसा सवाल है जो अक्सर लोगों को नहीं पता होता। दरअसल, विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए एक निर्धारित राशि बतौर सिक्योरिटी डिपॉजिट (जमानत राशि) जमा करनी होती है।
सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह राशि ₹10,000 है।
अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए यह शुल्क ₹5,000 निर्धारित है।
यह रकम नामांकन पत्र दाखिल करते समय जमा करनी होती है। अगर उम्मीदवार को कुल डाले गए वैध वोटों का एक निश्चित प्रतिशत नहीं मिलता, तो यह राशि जब्त कर ली जाती है।
खास बात ये है कि इसके अलावा किसी प्रकार की कोई अतिरिक्त फीस नहीं लगती।