
Up Kiran, Digital Desk: बिहार में पुलिस भर्ती परीक्षा 2023 से जुड़ा एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें अब आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इस घोटाले ने न केवल भर्ती प्रक्रिया की शुचिता भंग की है, बल्कि हजारों युवाओं के सपनों को भी तोड़ दिया है। EOU ने इस मामले में ताबड़तोड़ छापेमारी करते हुए कई मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है और कई अहम खुलासे किए हैं।
ताबड़तोड़ छापेमारी और अहम गिरफ्तारियां
हाल ही में EOU ने पटना, औरंगाबाद और सिवान सहित कई जिलों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की। इन छापों के दौरान मामले के मुख्य आरोपियों में से एक शहनवाज खान और अमन कुमार को गिरफ्तार किया गया है। अमन कुमार ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं, जिससे इस घोटाले की परतें खुलती जा रही हैं। उसने स्वीकार किया है कि उसने खुद परीक्षा में पास होने के लिए 10 लाख रुपये में प्रश्न पत्र खरीदा था।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा? 'सिम बॉक्स' और 'मुन्ना भाई' गैंग का खेल
घोटालेबाज गिरोह की कार्यप्रणाली बेहद शातिर थी। वे टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे थे। 'सिम बॉक्स' और 'बल्क एसएमएस' का इस्तेमाल कर हजारों अभ्यर्थियों को ठगा गया। इन जालसाजों ने अभ्यर्थियों से नौकरी दिलाने के एवज में मोटी रकम वसूली और कथित तौर पर उन्हें प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने का झांसा दिया। यह भी सामने आया है कि 'मुन्ना भाई' गिरोह के सदस्य इस घोटाले में सक्रिय रूप से शामिल थे, जो दूसरे परीक्षार्थियों की जगह परीक्षा देते थे या ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल कर नकल कराते थे।
और भी गिरफ्तारियां संभव
अमन कुमार के कबूलनामे के बाद EOU अब इस जानकारी के आधार पर उन अन्य सरगनाओं और बिचौलियों की तलाश कर रही है जो इस बड़े नेटवर्क का हिस्सा हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस घोटाले में एक बड़ा संगठित गिरोह काम कर रहा था, जिसमें कई शहरों के लोग शामिल हो सकते हैं। उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां होंगी और इस घोटाले में शामिल सभी चेहरों का पर्दाफाश होगा। EOU ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले की तह तक जाएंगे और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो। यह कार्रवाई भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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