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पटना। 14 दिनों की मशक्क्त और लुकाछिपी के बाद से नीतीश कुमार एक बार फिर फ्लोर टेस्ट में पास हो गए। नीतीश सरकार के पक्ष में 129 मत पड़े जबकि  विपक्ष में जीरो। इस बीच विपक्ष ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले पटना में जमकर सियासी उठापटक देखने को मिली। इससे पहले विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया।

फ्लोर टेस्ट से पहले से पटना में सियासी हलचल जारी रही। इस दौरान जमकर ड्रामा हुआ। आरजेडी के तीन विधायक चेतन आनंद, नीलम देवी और प्रहलाद यादव ने पलटी मारते हुए सत्‍ता पक्ष की तरफ जाकर बैठ गए। तेजस्‍वी यादव ने इसका जमकर विरोध किया और परंपराअनुसार उन्‍हें अपनी सीट पर ही बैठने को कहा। वहीं, बीजेपी के भी तीन और जेडीयू के तीन एमएलए भी सदन से नदारद रहे। हालांकि दोपहर ढ़ाई बजे तक सभी विधायक सदन में पहुंंच गए थे।

इससे पहले विधानसभा अध्‍यक्ष अवध बिहारी चौधरी को पद से हटाए जाने का संकल्‍प प्रस्‍ताव सदन में पास हुआ। यादव के खिलाफ अविश्‍वास प्रस्‍ताव सदन में पारित हुआ। इसके बाद उपाध्‍यक्ष महेश्‍वर हजारी ने सदन का संचालन किया और राज्यपाल का संदेश पढ़ा।  इसके बाद सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई। इसके बाद विधानसभा में सीएम नीतीश कुमार ने सदन में विश्वास मत प्रस्ताव पेश किया।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह के बाद सदन में मर्दान कराया गया। सत्ता पक्ष के समर्थन में 129 वोट पर पड़े। इस तरह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट में पास हो गए। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि खरीदने की कोशिश हुई, लेकिन कोशिश सफल नहीं हो पाई। इससे पहले विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के वक्त जब सीएम नीतीश कुमार संबोधन के लिए खड़े हुए तो राजद विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। 
 

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