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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने बिहार को एक बड़ी सौगात देने की घोषणा की है। इस योजना के तहत राज्य को दो नई ट्रेनें – अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत रैपिड ट्रेन – मिलने जा रही हैं। यह कदम न केवल राज्य की यातायात सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में है, बल्कि 'मेड इन इंडिया' पहल को भी मजबूत करता है।

सहरसा से मुंबई तक चलेगी नई अमृत भारत एक्सप्रेस

बिहार को मिलने वाली नई अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन सहरसा से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस तक चलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह देश की तीसरी और बिहार की दूसरी अमृत भारत एक्सप्रेस होगी। इससे पहले पहली ट्रेन दरभंगा और दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल के बीच, जबकि दूसरी पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन और कर्नाटक के बेंगलुरु के बीच शुरू की गई थी।

अमृत भारत एक्सप्रेस 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से दौड़ सकती है। इसे चेन्नई के इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री में निर्मित किया गया है और इसमें 'पुश एंड पुल' तकनीक का इस्तेमाल हुआ है, जिससे ट्रेन दोनों दिशाओं में आसानी से चल सकती है। यह पूरी तरह से नॉन-एसी ट्रेन है, जिसमें स्लीपर और सामान्य श्रेणी के कोच शामिल हैं। सुरक्षा के लिहाज से इसमें फायर डिटेक्शन और इमरजेंसी टॉकबैक सिस्टम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

बिहार को मिलेगी देश की दूसरी नमो भारत रैपिड ट्रेन

बिहार को एक और बड़ी सौगात के रूप में नमो भारत रैपिड ट्रेन भी दी जाएगी। यह देश की दूसरी नमो भारत ट्रेन होगी। इससे पहले पहली ट्रेन गुजरात के अहमदाबाद और भुज के बीच शुरू की गई थी। बिहार की यह रैपिड ट्रेन जयनगर से पटना के बीच चलेगी और इसमें कुल 16 वातानुकूलित डिब्बे होंगे।

इस ट्रेन की खास बात यह है कि यह शॉर्ट डिस्टेंस यात्रा के लिए डिज़ाइन की गई है और इसमें केवल बैठने की व्यवस्था है। कोई स्लीपर कोच नहीं होगा। ट्रेन की यात्री क्षमता 2000 से अधिक होगी और इसका उद्देश्य राज्य के अंदर तेज, आरामदायक और आधुनिक यात्रा अनुभव देना है।

यात्रियों के लिए बेहतर सुविधा और सुरक्षा

दोनों ही ट्रेनें यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। अमृत भारत एक्सप्रेस में आग लगने की स्थिति में तुरंत अलर्ट देने वाला फायर डिटेक्शन सिस्टम लगाया गया है, जो नॉन-एसी ट्रेनों में पहली बार इस्तेमाल हो रहा है। वहीं नमो भारत रैपिड ट्रेन पूरी तरह एसी कोच से लैस होगी, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों के यात्रियों को लाभ मिलेगा।

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