Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासत गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चार बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन नेताओं पर आरोप था कि वे एनडीए गठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव मैदान में उतरे थे। बीजेपी ने इसे अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हुए कड़ा कदम उठाया।
पार्टी ने इन चारों नेताओं को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है, जिससे बिहार की सियासी तस्वीर में उथल-पुथल मच गई है। यह फैसला बीजेपी की "जीरो टॉलरेंस" नीति को स्पष्ट करता है, जो पार्टी या गठबंधन के खिलाफ काम करने वाले नेताओं के लिए सख्त सजा सुनिश्चित करता है।
कौन हैं ये बागी नेता?
बीजेपी के नेतृत्व ने जिन नेताओं पर यह बड़ी कार्रवाई की है, उनमें प्रमुख नाम हैं:
वरुण सिंह (बहादुरगंज विधानसभा सीट) - वरुण सिंह को पार्टी से बाहर किया गया है, क्योंकि वे एनडीए के उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे थे।
अनूप कुमार श्रीवास्तव (गोपालगंज सीट) - इसी प्रकार, गोपालगंज सीट से भी एक और बागी नेता को निष्कासित कर दिया गया है।
पवन यादव (कहलगांव सीट) - पवन यादव भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 6 साल के लिए पार्टी से बाहर हो गए हैं।
सूर्य भान सिंह (बड़हरा विधानसभा सीट) - इस लिस्ट में चौथे नंबर पर बड़हरा सीट के उम्मीदवार सूर्य भान सिंह का नाम है, जिन्हें भी पार्टी से निष्कासित किया गया है।
निष्कासन के पीछे की वजह
बीजेपी ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि ये सभी नेता एनडीए के उम्मीदवारों के खिलाफ चुनावी मैदान में थे। पार्टी का कहना है कि ऐसा करना न केवल अनुशासनहीनता है बल्कि यह गठबंधन की एकजुटता को तोड़ने की कोशिश भी है। पार्टी ने साफ संदेश दिया है कि किसी भी कीमत पर बगावत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


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