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Up Kiran, Digital Desk: भारत की प्रमुख बायोफार्मास्यूटिकल कंपनी बायोकोन (Biocon) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। कंपनी को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation - CDSCO) से मधुमेह (Diabetes) के इलाज के लिए एक जेनेरिक दवा के निर्माण और विपणन की मंजूरी मिल गई है।

यह मंजूरी बायोकोन को भारत में मधुमेह के रोगियों के लिए एक और किफायती (affordable) उपचार विकल्प उपलब्ध कराने में सक्षम बनाएगी। जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं के समान ही सुरक्षित और प्रभावी होती हैं, लेकिन आमतौर पर इनकी कीमत कम होती है, जिससे मरीजों पर वित्तीय बोझ कम पड़ता है।

बायोकोन को यह मंजूरी सिटाग्लिप्टिन (Sitagliptin) और मेटफॉर्मिन (Metformin) के संयोजन वाली गोली के लिए मिली है। यह संयोजन मधुमेह टाइप 2 (Type 2 Diabetes) के प्रबंधन में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। सिटाग्लिप्टिन एक डीपीपी-4 अवरोधक (DPP-4 inhibitor) है जो इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाता है और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करता है, जबकि मेटफॉर्मिन लीवर द्वारा ग्लूकोज उत्पादन को कम करता है और शरीर द्वारा इंसुलिन के उपयोग को बेहतर बनाता है।

CDSCO से यह विनियामक मंजूरी (regulatory approval) प्राप्त करना बायोकोन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत के बढ़ते फार्मा बाजार में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है। यह कंपनी के पोर्टफोलियो में एक और मूल्यवान उत्पाद जोड़ता है, खासकर मधुमेह जैसे आम रोग के क्षेत्र में।

इस मंजूरी से न केवल बायोकोन को व्यापारिक लाभ होगा, बल्कि यह भारत में मधुमेह के लाखों रोगियों के लिए गुणवत्तापूर्ण दवा को और अधिक सुलभ बनाने में भी मदद करेगा।

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