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Up Kiran, Digital Desk: सूर्यकुमार यादव की अगुवाई में टीम इंडिया सितंबर के पहले हफ़्ते में एशिया कप में अपने अभियान की शुरुआत करेगी। वे 10 सितंबर को दुबई में संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे और चार दिन बाद चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेंगे। टीम बेहद मज़बूत दिख रही है और इसमें कोई शक नहीं कि भारत खिताब का प्रबल दावेदार है, मगर टीम को देखकर लगता है कि मौजूदा टीम प्रबंधन को बल्लेबाजी क्रम में गहराई लाने के अपने रुख़ से पीछे हटना होगा।

चुनी जाने वाली टीम में नंबर 8 पर कोई निश्चित बल्लेबाज़ नहीं है। भारत अपनी गेंदबाज़ी लाइन-अप में जसप्रीत बुमराह , अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव और वरुण चक्रवर्ती को खिलाने के लिए तैयार है, और ये चारों गेंदबाज़ खेल के सबसे छोटे प्रारूप में भी अच्छे बल्लेबाज़ नहीं हैं। ज़रूरत पड़ने पर ये गेंदबाज़ी कर सकते हैं, मगर टी20 मैच की ज़रूरतें ऐसी होती हैं कि नंबर 8 पर बल्लेबाज़ी करने वाले खिलाड़ी से तेज़ी से रन बनाने की उम्मीद की जाती है।

मगर इनमें से किसी को भी टीम से बाहर नहीं किया जा सकता। चारों गेंदबाज़ विकेट लेने वाले और अपने प्रदर्शन में माहिर हैं। टीम इंडिया इनमें से किसी एक को भी टीम से बाहर करने की सोच भी नहीं सकती।

क्या भारत कुलदीप या वरुण में से किसी एक को बाहर करके हर्षित को खिलाने का जोखिम उठाएगा, जो 8वें नंबर पर बल्लेबाजी कर सकते हैं?

खैर, हर्षित राणा को टीम में शामिल करने की खूबी पर खूब चर्चा हो रही है। उन्होंने सिर्फ़ एक टी20 मैच खेला है और आईपीएल में भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा, उन्होंने 13 मैचों में 10.18 की इकॉनमी से 15 विकेट लिए हैं। हालाँकि, ऊपर बताए गए गेंदबाज़ों की तुलना में वह बेहतर बल्लेबाज़ हैं और अगर उन्हें टीम में शामिल किया जाए तो वह आठवें नंबर पर भी बल्लेबाज़ी कर सकते हैं।

क्या यही वजह है कि उन्हें टीम में शामिल किया गया? मौजूदा भारतीय प्रबंधन कम से कम आठवें नंबर तक बल्लेबाजी क्रम में गहराई चाहता है, खासकर छोटे प्रारूप में। मगर ऐसा करने के लिए उन्हें एक वास्तविक विकेट लेने वाले गेंदबाज को टीम से बाहर रखना होगा। क्या भारत यह जोखिम उठाएगा और हर्षित को गेंदबाजी में योगदान देने के लिए मौका देगा?

हालाँकि, हर्षित ने अभी तक नीली जर्सी में बल्लेबाज के रूप में कदम नहीं रखा है और इस कदम में कोई तर्क नहीं दिखता है।

शीर्ष 6 पर काम करने का दबाव?

अगर भारत बुमराह, अर्शदीप, कुलदीप और वरुण जैसे चार विशेषज्ञ गेंदबाज़ों को चुनता है, तो उनकी पूंछ लंबी हो जाएगी। ऐसे में, शीर्ष छह बल्लेबाज़ों पर काम करने का दबाव होगा। क्या अभिषेक शर्मा और तिलक वर्मा जैसे गेंदबाज़ खुलकर बल्लेबाज़ी कर पाएँगे? भारतीय टीम के निडर रवैये की परीक्षा एशिया कप में होगी और एक तरह से, यह उनके लिए एक अच्छी परीक्षा होगी क्योंकि टी20 विश्व कप सिर्फ़ छह महीने दूर है।