
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय दवा कंपनी ल्यूपिन (Lupin) के लिए अमेरिका से एक बहुत बड़ी और अच्छी खबर आई है। कंपनी को अमेरिकी स्वास्थ्य रेगुलेटर, यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA), ने एक बेहद ज़रूरी कैंसर की दवा बनाने और बेचने की मंजूरी दे दी है। यह दवा ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर) के इलाज में काम आती है।
क्या है यह दवा और क्यों है यह इतनी ख़ास?
ल्यूपिन को नेराटिनिब टैबलेट्स (Neratinib Tablets) के 40 मिलीग्राम वर्शन को बनाने की मंजूरी मिली है। यह दवा अमेरिकी कंपनी प्यूमा बायोटेक्नोलॉजी की महंगी ब्रांडेड दवा नेरलिनक्स (Nerlynx) का सस्ता जेनेरिक वर्शन है।
जेनेरिक होने का मतलब है कि इसकी कीमत ब्रांडेड दवा से काफी कम होगी, जिससे ब्रेस्ट कैंसर का इलाज और भी ज़्यादा लोगों के लिए संभव हो पाएगा। इस दवा का इस्तेमाल ख़ास तौर पर HER2-पॉजिटिव टाइप के शुरुआती स्टेज के ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है।
मेड इन इंडिया' दवा, अमेरिकी बाजार में धूम
यह भारत के लिए भी गर्व की बात है क्योंकि ल्यूपिन इस दवा का उत्पादन मध्य प्रदेश के पीथमपुर में स्थित अपनी फैक्ट्री में करेगी। यहाँ से यह दवा अमेरिका के बाजार में बेची जाएगी।
आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में इस दवा का सालाना बाजार लगभग 195 मिलियन डॉलर (यानी करीब 1600 करोड़ रुपये) का है। ल्यूपिन को मिली इस मंजूरी से कंपनी को अमेरिकी बाजार में अपनी पकड़ और मजबूत करने में बड़ी मदद मिलेगी।
यह मंजूरी न केवल ल्यूपिन के लिए एक बड़ी व्यावसायिक सफलता है, बल्कि यह दुनिया भर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज को और सस्ता और सुलभ बनाने की दिशा में भारतीय फार्मा इंडस्ट्री का एक और महत्वपूर्ण कदम है।