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Up Kiran, Digital Desk: झारखंड का चतरा जिला एक बार फिर सुर्खियों में है – इस बार वजह है नशे का वह काला कारोबार जिसे रातों-रात करोड़पति बनने के सपने देखने वाले माफिया वर्षों से चला रहे थे। मगर अब इन माफियाओं की नींद उड़ गई है। जिले के नए पुलिस अधीक्षक सुमित अग्रवाल ने नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ जो अभियान छेड़ा है उसने इस अवैध नेटवर्क की चूलें हिला दी हैं।

24 घंटे में 11 करोड़ की नशा खेप बरामद 68 लाख कैश के साथ जीजा-साली अरेस्ट

बीते 24 घंटे में पुलिस ने दो बड़े ऑपरेशन में 4.108 किलोग्राम ब्राउन शुगर 13.956 किलोग्राम गीला अफीम और 68 लाख 17 हजार 350 रुपये नकद जब्त किए हैं। यह तस्करी किसी गली-चौराहे के गिरोह की नहीं बल्कि एक ऐसे सिंडिकेट की थी जिसमें रिश्तों की आड़ लेकर जीजा और उसकी दो सालियां मिलकर ब्राउन शुगर जैसे जानलेवा नशे का निर्माण और कारोबार कर रहे थे।

पहला ऑपरेशन: जीजा और साली को पकड़ा साथ में अफीम-शुगर और कैश जब्त

पुलिस अधीक्षक सुमित अग्रवाल ने प्रेस को बताया कि पत्थलगड्डा थाना क्षेत्र के तेतरिया गांव निवासी रौशन कुमार दांगी उर्फ भगीरथ और उसकी साली रूबी देवी (राजपुर थाना क्षेत्र) को अफीम और ब्राउन शुगर के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।

इनके पास से 287 ग्राम ब्राउन शुगर 11.172 किलोग्राम अफीम 44.57 लाख रुपये नकद एक बाइक (JH 02 Q 8007) ब्राउन शुगर बनाने की मशीन और एक मोबाइल बरामद किया गया। इनकी गिरफ्तारी राजपुर थाना क्षेत्र से की गई।

दूसरा ऑपरेशन: साली के घर चल रही थी 'मिनी ड्रग फैक्ट्री'

इससे दो दिन पहले चतरा पुलिस ने पत्थलगड्डा थाना क्षेत्र के कुम्हार टोली में छापा मारकर 3.821 किलोग्राम ब्राउन शुगर 2.784 किलोग्राम अफीम और 23 लाख 60 हजार रुपये नकद जब्त किए थे। घर से मिला सामान किसी मिनी फैक्ट्री का संकेत देता था – एसिटल क्लोराइड की बोतलें इलेक्ट्रॉनिक मशीनें पाउडर और नाप-तौल के उपकरण।

यह घर मधु कुमारी का था जो गिरफ्तार होने के बाद खुलासा करती है कि यह कारोबार वह अपने जीजा रौशन दांगी के साथ चला रही थी। मधु का पति मुंबई में काम करता है और उसकी अनुपस्थिति में वह यह तस्करी करती थी।

तस्करी में रिश्तों का गलत इस्तेमाल: जीजा-साली की 'ड्रग त्रयी' का खुलासा

मामले की गहराई तब बढ़ी जब पुलिस ने पाया कि गिरफ्तार मधु कुमारी और रूबी देवी दोनों आरोपी रौशन की सालियां हैं। पुलिस का कहना है कि रौशन इन दोनों को तस्करी में शामिल कर एक पारिवारिक ड्रग नेटवर्क चला रहा था जो चतरा से लेकर अन्य जिलों और राज्यों तक फैला था।

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