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जम्मू-कश्मीर के शांत पहलगाम में हाल ही में हुआ नृशंस आतंकवादी हमला एक गहरा घाव दे गया है। इस दर्दनाक घटना में 26 लोगों की जान चली गई जिनमें से ज़्यादातर मासूम पर्यटक थे। इस मुश्किल घड़ी में चीन ने आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध करते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुओ जियाकुन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैसरन में हुए इस कायराना हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी सहानुभूति जताई और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की। उनके शब्दों में "चीन ने रिपोर्टों पर गौर किया है। हम हमले की कड़ी निंदा करते हैं। चीन सभी प्रकार के आतंकवाद का दृढ़ता से विरोध करता है। हम मारे गए लोगों के लिए शोक व्यक्त करते हैं और शोक संतप्त परिवारों और घायलों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं।"

मातम में डूबा पहलगाम

कभी पर्यटकों से गुलज़ार रहने वाला अनंतनाग जिले का पहलगाम इलाका अब इस हमले के बाद मातम में डूबा हुआ है। सरकार इस जघन्य अपराध के दोषियों को सज़ा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

देश की समग्र सुरक्षा स्थिति का जायज़ा लेने के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की एक हाई लेवल मीटिंग आयोजित की गई। इस बैठक में जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर विशेष रूप से चर्चा की गई।

सरकार ने आतंकवाद और उसमें शामिल लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। हाल ही में तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण ने इस दृढ़ संकल्प को और भी मज़बूत किया है। सरकार का कहना है कि यह कदम आतंकवाद के विरुद्ध जारी लड़ाई में उसके अडिग रुख को दर्शाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले की विस्तृत जानकारी दी गई। सीसीएस ने इस हमले की पुरजोर निंदा की पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।