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Up Kiran, Digital Desk: क्या लाल सागर फिर से किसी बड़े संघर्ष का गवाह बनने जा रहा है? इज़राइल और यमन के हौथी विद्रोहियों के बीच ताजा टकराव ने इस सवाल को और गहरा कर दिया है। सोमवार सुबह-सुबह इज़राइली वायु सेना ने यमन के उन बंदरगाहों पर जबरदस्त हवाई हमले किए, जिन पर हौथी विद्रोहियों का कब्जा है। जवाब में हौथियों ने भी इज़राइल की ओर मिसाइलें दागकर तनाव को और भड़का दिया।

यह घटनाक्रम उस हमले के ठीक बाद सामने आया है जब रविवार को लाल सागर में लाइबेरियाई झंडा लगे और ग्रीक कंपनी के स्वामित्व वाले मालवाहक पोत ‘मैजिक सीज़’ पर हमला हुआ था। हमले के बाद जहाज में आग लग गई और अंततः चालक दल को उसे छोड़ना पड़ा। सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि पहले इस पोत पर छोटे हथियारों और रॉकेट-चालित ग्रेनेड से हमला किया गया, फिर बम से लदी ड्रोन बोट्स ने इसे निशाना बनाया। हौथी मीडिया ने इस हमले की खबर तो चलाई है लेकिन समूह ने अभी तक औपचारिक रूप से जिम्मेदारी लेना जरूरी नहीं समझा — यह उनकी पुरानी रणनीति है कि दावा करने में वो कई बार देर लगाते हैं।

इज़राइल का आरोप: बंदरगाहों से हथियारों की सप्लाई
इज़राइली रक्षा बलों ने बताया कि उन्होंने होदेइदाह, रास ईसा और सालिफ़ के बंदरगाहों पर हमले किए हैं, साथ ही रास कनातिब पावर स्टेशन को भी निशाना बनाया गया। सेना का दावा है कि इन बंदरगाहों का इस्तेमाल हौथी विद्रोही ईरान से हथियार मंगाने और फिर उन्हें इज़राइल व उसके मित्र देशों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में लगाने के लिए कर रहे थे।

इस बार इज़राइली टारगेट्स में ‘गैलेक्सी लीडर’ नाम का बहामास का झंडा लगे पोत का जिक्र भी खास है, जिसे हौथियों ने नवंबर 2023 में इज़राइल-हमास जंग के दौरान अपने रेड सी हमलों के शुरुआती दौर में कब्जा कर लिया था। इज़राइल ने आरोप लगाया है कि विद्रोही गैलेक्सी लीडर पर रडार सिस्टम लगाकर समुद्री यातायात पर नजर रख रहे थे ताकि आगे के हमले प्लान कर सकें। यह जहाज पहले जापानी कंपनी एनवाईके लाइन द्वारा संचालित था और इसे एक इज़राइली अरबपति से जोड़ा गया, हालांकि जब इसे हौथियों ने कब्जा किया तब उस पर कोई इज़राइली नागरिक मौजूद नहीं था।

हौथियों का दावा: हमले का डटकर किया मुकाबला
हौथी प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने इज़राइल के हमलों को स्वीकार किया लेकिन कितना नुकसान हुआ, इसका खुलासा नहीं किया। उनका कहना है कि उनकी वायु रक्षा प्रणालियों ने इन हमलों का “प्रभावी जवाब” दिया है, हालांकि उन्होंने इसे साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत साझा नहीं किया।

गौरतलब है कि इज़राइल इससे पहले भी जून में हौथी ठिकानों पर समुद्री हमले कर चुका है। अमेरिका भी हाल के महीनों में इस मोर्चे पर सक्रिय रहा है — अप्रैल में अमेरिकी हवाई हमले में 74 हौथी लड़ाकों के मारे जाने की रिपोर्ट आई थी। ताजा हमले से साफ है कि इज़राइल ने इस बार अकेले दम पर कार्रवाई की है, खासकर हौथियों के मिसाइल दागने के जवाब में।

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