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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन क्षेत्र में मंगलवार को हुए एक भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को दहला दिया। इस हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई, जिनमें महाराष्ट्र के पांच नागरिक शामिल थे। खास बात यह रही कि आतंकी न किसी की भाषा पूछी, न धर्म—बताया जा रहा है कि उन्होंने पहले पर्यटकों के पैंट उतरवाए और फिर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं।

जिला प्रमुख राजेश कदम के करीबी रिश्तेदार


डोंबिवली से कश्मीर घूमने आए संजय लेले, अतुल मोने और हेमंत जोशी इस हमले में मारे गए। तीनों ही शिंदे गुट से जुड़े थे और उप जिला प्रमुख राजेश कदम के करीबी रिश्तेदार बताए जा रहे हैं। यह त्रासदी उस वक्त और गहरी हो गई जब यह जानकारी सामने आई कि हमलावरों ने किसी की पहचान पूछने की जहमत तक नहीं उठाई—सिर्फ पैंट उतरवाकर सीधे गोली मार दी।

अस्पताल में भर्ती कराया गया

हमले में पुणे निवासी संतोष जगदाले गंभीर रूप से घायल हुए हैं, जिन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी पत्नी को भी चोटें आई हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

एक परिवार बाल-बाल बच गया।

इस दौरान नागपुर का एक परिवार बाल-बाल बच गया। जैसे ही गोलियों की आवाज आई, उन्होंने पहाड़ी से छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। हालांकि, सिमरन रूपचंदानी के पैर में गंभीर फ्रैक्चर हुआ, जबकि तिलक और गर्व रूपचंदानी सुरक्षित हैं।

हमले में जान गंवाने वाले पनवेल निवासी दिलीप देसले के परिजन शव लेने कश्मीर रवाना हो गए हैं। उन्होंने सरकार से फ्लाइट टिकट की ऊंची कीमतों को लेकर नाराजगी जाहिर की है और पूछा है कि क्या लौटने की कोई सरकारी व्यवस्था है।

फिलहाल, इस बर्बर हमले की जांच शुरू हो चुकी है, लेकिन मृतकों के परिजनों में गम और आक्रोश साफ देखा जा सकता है।