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बुलंदशहर हिंसा: कोर्ट ने 38 दोषियों को सुनाई सजा, पांच को उम्रकैद, 33 को 7 साल का कारावास

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में साल 2018 में हुई हिंसा के मामले में विशेष अदालत ने शुक्रवार को अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में दोषी पाए गए 38 आरोपियों को सजा सुनाई है। इनमें से पांच दोषियों को आजीवन कारावास (उम्रकैद) और शेष 33 को सात साल की सश्रम सजा सुनाई गई है।

यह मामला 3 दिसंबर 2018 को स्याना थाना क्षेत्र के चिंगरावटी गांव में भड़की हिंसा से जुड़ा है, जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक स्थानीय युवक सुमित की मौत हो गई थी। यह हिंसा गोहत्या की अफवाह के बाद भड़की थी, जिसने देखते ही देखते उग्र रूप ले लिया था।

पुलिस की जांच के बाद इस मामले में कुल 83 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। इनमें से 38 को दोषी करार दिया गया। विशेष अदालत ने सबूतों, गवाहों और वीडियोज के आधार पर इन दोषियों को सजा सुनाई।

कोर्ट ने कहा कि भीड़ ने कानून को हाथ में लिया और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाते हुए दो जानें ले लीं। ऐसे मामलों में सख्त सजा देना जरूरी है ताकि समाज में एक कड़ा संदेश जाए।

इस फैसले को लेकर पुलिस और प्रशासन की ओर से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कोर्ट परिसर और आसपास के इलाके में भारी पुलिस बल तैनात रहा।

परिजनों और पीड़ित पक्ष ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे न्याय की जीत बताया है। वहीं, कुछ दोषियों के वकीलों ने फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देने की बात कही है।

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